मोदी ने भावुक अंदाज में कहा, 'मैं ऐसा तहेदिल से कह रहा हूं। जैसे कोई पिता अपने बेटे का खयाल रखता है। 'प्रधानमंत्री ने कहा, 'प्रणब दा कहते, मोदी जी आपको आधे दिन आराम करना होगा। क्यों आप इतनी भाग-दौड़ करते हैं। आपको अपना कार्यक्रम संक्षिप्त करना चाहिए। आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना चाहिए।'
मोदी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि जीत और हार हमेशा होती रहती है, लेकिन आप अपने शरीर का खयाल रखें। यह राष्ट्रपति के तौर पर उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके भीतर की जो इंसानियत थी, उसने एक मित्र का खयाल रखा।' उन्होंने मुखर्जी को एक प्रेरणादायी शख्सियत बताया। उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ अपने जुड़ाव को याद किया जिसका उनपर प्रभाव पड़ा।
मुखर्जी ने भी मोदी के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट की और उनकी सराहना की। दोनों के विचार अलग-अलग रहे हैं, लेकिन इसे उन्होंने खुद तक रखा और करीबी सहयोग से काम किया। मुखर्जी ने कहा कि इसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध को प्रभावित नहीं किया।
मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कई बार वित्त मंत्री अरुण जेटली से स्पष्टीकरण मांगा और उन्होंने अक्सर विभिन्न मुद्दों पर सरकार के रुख को रखा और जेटली ने अक्सर उन्हें एक सक्षम और प्रभावी अधिवक्ता की तरह समझाया, जैसा वह हैं। इस दौरान जेटली भी मौजूद थे।