पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने अपनी एक किताब में लिखा है कि सिंह एकमात्र कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने नियमित रूप से और समर्पण के साथ नरसिंह राव को श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया लेकिन वह अपने एक दशक के प्रधानमंत्रित्व काल में राव को भारत रत्न से सम्मानित नहीं कर सके।
पुस्तक ‘1991-हाउ पी वी नरसिंह राव मेड हिस्ट्री’ में बारू लिखते हैं कि जब उनका निधन हुआ तो पार्टी ने अपने मुख्यालय के द्वार बंद कर दिये और एक पूर्व अध्यक्ष को आधिकारिक अंतिम विदाई देने से इनकार कर दिया। उनका अपराध यह था कि उन्होंने आईएनसी पर नेहरू-गांधी परिवार के स्वामित्वपूर्ण नियंत्रण को समाप्त करने के प्रयास किए थे। पीवी का निधन 23 दिसंबर, 2004 को हुआ था। (भाषा)