ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली के हक में नहीं चुनाव आयोग : जैदी

रविवार, 21 मई 2017 (12:22 IST)
नई दिल्ली। चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए व्यापक सुधारों और नवीनतम प्रौद्योगिकी की वकालत करने के बावजूद चुनाव आयोग ऑनलाइन वोटिंग की इजाजत देने के हक में नहीं है।
 
ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता प्रमाणित करने के लिए शनिवार को विज्ञान भवन में आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने पत्रकारों के एक सवाल पर कहा कि ऑनलाइन वोटिंग व्यवस्था पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं होगा।
 
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के दावों का पुरजोर खंडन करने वाले जैदी ने ऑनलाइन वोटिंग में हैक होने के खतरों की आशंका जताई। हालांकि उन्होंने कहा कि ई-वोटिंग प्रणाली के बारे में कुछ साल पहले चुनाव आयोग में इस पर विचार किया गया था और इस बारे में विस्तृत अध्ययन के लिए एक समिति भी गठित की गई थी। समिति अपनी रिपेार्ट विधि मंत्रालय और उच्चतम न्यायालय को सौंप चुकी है। 
 
हालांकि ऐसा नहीं है कि ई-वोटिंग व्यवस्था देश में अब तक कहीं शुरू नहीं की गई हो। गुजरात के चुनाव आयोग ने साल 2010 में देश में पहली बार ऑनलाइन वोटिंग की अनुमति प्रदान की थी। वर्ष 2015 में गुजरात के नगर निगम चुनाव में 8 निगमों में मतदाताओं के लिए ई-वोटिंग व्यवस्था की गई थी, पर यह ज्यादा कारगर नहीं हो पाई, क्योंकि जिन 20 हजार मतदाताओं ने इसके लिए पंजीकरण करवाया था उनमें से महज 1,310 मतदाता ही पंजीकरण के लिए आवश्यक कागजात जमा करा सके थे।
 
संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का अधिकार राज्य के चुनाव आयोगों को दिया गया है। (वार्ता)

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