नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद कई जगहों पर हिंसक हो गया। देश के 10 राज्यों में इसका असर देखा गया। कई जगह हिंसा, आगजनी और रेल रोकने की खबरें आईं। इस हिंसा के चलते करीब 6 लोगों की मौत हो गई। राजनीतिक नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस हिंसा पर प्रतिक्रिया दी। विपक्षी दलों के नेता इस प्रदर्शन का समर्थन करते नजर आए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा तथा आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए सोमवार को कहा कि दलित समाज का दमन करके उसे सबसे निचले पायदान पर रखना उनके डीएनए का हिस्सा है।
गांधी ने ट्वीट किया कि दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आएसएस तथा भाजपा के डीएनए में है। इस सोच को जो भी चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने एसएसी/एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। उन्होंन कहा कि हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने टवीट कर कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिनियम में संशोधन के आदेश के संबंध में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से प्रदेश में शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए आश्वस्त किया कि उनके कल्याण के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से कृतसंकल्पित है और उनके हितों की रक्षा का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस प्रदर्शन का समर्थन करते नजर आए। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्पन्न हुई स्थिति में SC/ST समाज के आंदोलन के साथ है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए देश के जाने माने वरिष्ठ वकीलों लगाए व एक्ट की जरूरत और उसकी मूलभावना को संरक्षित रखा जाए।