राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण नीति-2012 (एनपीपीपी-2012) की अधिसूचना और औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश-2013 (डीपीसीओ 2013) की अधिसूचना के फलस्वरूप एनएलईएम-2011 में निर्दिष्ट सभी दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया है। सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर और अध्यक्ष, औषधि विज्ञान विभाग वाईके गुप्ता की उपाध्यक्षता में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एनएलईएम में संशोधन के लिए एक कोर-कमेटी गठित की थी।
इस कमेटी ने शामिल किए जाने और हटाने के लिए के मानदंडों पर दवाओं का मूल्यांकन किया। वैज्ञानिक मानदंडों के आधार पर कोर कमेटी ने एनएलईएम-2011 से पहले 106 दवाओं को शामिल करने और 70 दवाओं को हटाने की अनुसंशा की थी। दवा मूल्य निर्धारण नीति केवल अनुसूची-1 की दवाएं जो एनएलईएम में शामिल हैं, के मूल्य नियंत्रण पर जोर देता है।
वैसी दवाएं जो एनएलईएम 2015 और अनुसूची-1 का हिस्सा बनने के लिए रह गए हैं, उसे गैर-अनुसूचित दवाओं के रूप में रखा जाएगा। गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों में हर वर्ष 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की अनुमति मिली हुई है, जिसकी देखरेख राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) करता है। (वार्ता)