नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को निर्देश दिया कि नेशनल हेराल्ड मामले में वित्त, शहरी विकास और कंपनी मामलों के मंत्रालयों, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों से मंगाए गये दस्तावेजों को अगले आदेश तक सीलबंद लिफाफे में बंद रखा जाए।
यह निर्देश तब दिया गया जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और मामले के अन्य आरोपियों ने अदालत से कहा कि सुब्रह्मण्यम स्वामी को पहले उन दस्तावेजों की प्रासंगिकता के बारे में उन्हें संतुष्ट करना चाहिए जो मांगे गए हैं क्योंकि बीजेपी नेता ने कहा है कि वह अदालत को इसके बारे में बताएंगे।
मजिस्ट्रेट ने कहा, 11 जनवरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर चूंकि हाई कोर्ट द्वारा गौर कर लिया गया है, गवाहों द्वारा पेश किये गये रिकॉर्ड की फोटो प्रतियों को अगले आदेश तक सीलबंद लिफाफे में बंद करके रखना समुचित होगा। इन दस्तावेजों को सील करने से पहले ढंग से क्रमवार रखा जाए।'
अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिस, राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत मामले अन्य आरोपियों ने दलील दी कि जब तक इस पहलू पर कानूनी मुद्दे का हल नहीं हो जाता तब तब इन दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में रखना चाहिए। (भाषा)