रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय सेना देशी हथियारो के जरिए अपनी ताकत को और मजबूत करने में जुटी हुई हैं। उसके अन्तर्गत डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई इस मिसाइल के परीक्षणों से हुए धमाकों से पोकरा रेंज गुंजायमान हो गई। सेना एवं डीआरडीओ के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुई यूसर ट्रायल के दौरान मिसाईल ने अपने टार्गेट पर हिट करते हुऐ सफलता हासिल की।
सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष सितंबर में इस मिसाइल के परीक्षण महाराष्ट्र के अहमदनगर में किए गए थे। इसके बाद सेना को सौंपने के लिए अब यूजर्स ट्रायल किया जा रहा है। युद्ध क्षेत्र में सेना के जवानों द्वारा कंधे पर रखकर एंटी टैंक की सेना को बेहद आवश्यकता होती हैं। सेना वर्तमान में फ्रांस की मिलान एवं रूस की कॉकूर एंटी टैंक मिसाइल काम में ले रही है, लेकिन ये दोनों दूसरी पीढ़ी की मिसाइल है। सेना को प्राथमिकता के आधार पर तीसरी श्रेणी की मिसाइल की आवश्यकता है। एक निजी कंपनी के साथ मिलकर डीआरडीओ ने इस एंटी टैंक मिसाइल को विकसित किया हैं।