इस संदर्भ में चैनल से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। यह मामला पठानकोट हमले की कवरेज से जुड़ा हुआ है। समिति ने माना कि ऐसी महत्वपूर्ण सूचना को आतंकवादियों के आका तत्काल लपक सकते थे और इससे न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा नुकसान पहुंचता, बल्कि नागरिकों और रक्षा कर्मियों की जान की भी क्षति हो सकती थी।
सूत्रों ने कहा कि इस साल जनवरी में जब आतंकिवादियों के खिलाफ अभियान चल रहा था उसी दौरान हवाई अड्डे में गोला-बारूद के भंडार, मिग लड़ाकू विमानों, रॉकेट-लांचर, मोर्टार, हेलीकॉप्टरों, ईंधन-टैंकों के बारे में सूचना के बारे में कथित तौर पर खुलासा किया गया, जिनका आतंकवादी अथवा उनके आका व्यापक नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल कर सकते थे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रसारित सामग्री कार्यक्रम से जुड़े नियमों का उल्लंघन दिखाई पड़ी जिस वजह से चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अपने जवाब में चैनल ने कहा कि यह चीजों को अलग तरह से देखने का मामला है तथा जो सूचना उसने दीं उनमें से अधिकांश पहले से ही सार्वजनिक रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। (भाषा)