नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की 'बड़ी चूक' को कश्मीर समस्या का प्रमुख कारण बताते हुए शुक्रवार को कहा कि वहां यदि कोई समस्या है तो वह पाकिस्तान के कब्जे में अवैध रूप से कश्मीर के हिस्से को वापस पाने की है।
सिंह ने यहां एक निजी अंग्रेजी टेलीविजन चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सबसे पहले हमें इस कहानी को बदलना है कि 'कश्मीर कोई मुद्दा है'। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। यदि कोई मुद्दा है तो वह पिछले 70 साल से अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद कश्मीर के हिस्से को वापस पाने का है, उसी स्वरूप में जिसे तत्कालीन महाराजा हरिसिंह ने सौंपा था।
उन्होंने कहा कि दूसरा मुद्दा कश्मीर की मूल संस्कृति और आबादी के अनुपात को पुरानी स्थिति के अनुरूप बहाल करने का है और इसके लिए वहां कश्मीरी पंडितों को वापस बसाया जाना चाहिए।
कश्मीर समस्या के लिए 'बड़ी चूकों की एक श्रृंखला' को जिम्मेदार बताते हुए सिंह ने कहा कि सबसे पहली चूक देश को हिस्सों में बांटने की थी। बाद में पाकिस्तान के बंटवारे के साथ ही '2 राष्ट्र का सिद्धांत' अपने-आप गलत साबित हो गया। पाकिस्तान आज तक यह स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि कश्मीर, भारत का अंग है।
उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद पं. नेहरू ने दूसरी 'बड़ी चूक' की थी और पहले तो उन्होंने तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को कश्मीर मामले में अन्य राज्यों की तरह कार्यवाही करने से रोका। बाद में जब पाकिस्तान के हमले का संकट आ गया तो उन्होंने सरदार पटेल को कश्मीर मामले में दखल देने दिया जिसके बाद कश्मीर भारत का हिस्सा बना, लेकिन बीच में ही युद्धविराम की घोषणा कर उन्होंने 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर' बनने दिया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में अपने बयान में पं. नेहरू ने जनमत संग्रह की बात कहकर एक और गलती की।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1972 में शिमला समझौते के समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास भी अच्छा मौका था जिसे हमने गंवा दिया। उन्होंने कहा कि अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और अलगाववादी पूरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं। 'आजादी' का मॉडल एक फेक मॉडल है जिसमें पड़ोसी के बच्चों को जेहादी बनाते हैं और अपने बच्चों को सुरक्षित जगहों पर भेजते हैं।
उन्होंने मुख्य धारा के कुछ राजनीतिक दलों पर भी राजनीति का मुखौटा लगाकर अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया तथा कहा कि यह अवसरवादी अलगाववाद, खुले अलगाववाद से ज्यादा खतरनाक है। बिना किसी देश का नाम लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुश्मन पक्ष जिनके बारे में हम सबको पता है, कश्मीर में आतंकवाद को वित्तीय मदद दे रहा है। कश्मीर को लेकर नीतियों में दृढ़ निश्चय, निरंतरता और स्पष्टता का श्रेय मोदी सरकार ले सकती है। (वार्ता)