नेपाल से 1935 भारतीयों को सुरक्षित निकाला

सोमवार, 27 अप्रैल 2015 (11:25 IST)
नई दिल्ली। हिमालयी देश में  भूकंप के ताजा झटके महसूस किए जाने के बीच भारत ने भूकंप प्रभावित नेपाल में अपने राहत और बचाव प्रयासों को तेज करते हुए वहां फंसे 1,935 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया है।

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) 12 उड़ानों के जरिए बच्चों सहित भारतीय नागरिकों को वापस लाया। रक्षा विभाग के प्रवक्ता सितांशु कर ने बताया कि नेपाल में खराब मौसम के बीच बीती रात तक आईएएफ का अभियान जारी रहा।

अब तक आईएएफ ने 12 उड़ानों में 1,935 यात्रियों को काठमांडू से निकाल लिया है। एक शीर्ष भारतीय अधिकारी ने हिमालयी देश की स्थिति को ‘बहुत ज्यादा गंभीर’ बताया है। शनिवार को नेपाल में आए भूकंप के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के करीब 1,000 प्रशिक्षित कर्मियों को भी वहां भेजा गया है। भूकंप में हजारों लोगों की मौत हुई है।

कर ने एक ट्वीट में कहा कि आईएएफ का एक सी 17 विमान सुबह साढ़े छ: बजे 291 यात्रियों को काठमांडू से लेकर पालम पहुंचा। उन्होंने बताया कि सेना के रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (आरएटीएम) का एक दल काठमांडू में हवाई अड्डे से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित लगनखेल में प्राथमिक उपचार के लिए ‘दवाइयों और उपकरणों’ के साथ तैयार था।

भूकंप के मुख्य झटकों के बाद कल आए शक्तिशाली झटकों के कारण पीड़ित लोगों के बीच दहशत मच गई थी और माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हो गया था। इस कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार के भूकंप के मुख्य झटकों के बाद भी झटकों का सिलसिला जारी रहा और कल 6.7 तीव्रता और उसके बाद फिर 6.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। इसके कारण खौफजदा लोग निकलकर खुले स्थानों पर आ गए थे।

शनिवार को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के कारण भारी तबाही हुई है। ताजा भूकंप के झटकों के डर के कारण लोग ठंड से भरी रात में खुले इलाके में रह रहे हैं। अकेली काठमांडो घाटी में ही 1053 लोगों के मारे जाने की खबर है।

बचे हुए लोगों की जांच जारी होने के कारण अधिकारियों को इस संख्या के बढ़ने की आशंका है। मृतकों के अंतिम संस्कार सामूहिक रूप से किए गए और मृतकों की संख्या में दिनभर वृद्धि होती रही।

बीते 80 से भी ज्यादा वषरें में देश के इतिहास में आए अब तक के सबसे भीषण भूकंप को देखते हुए नेपाल ने आपातस्थिति की घोषणा कर दी है और भारतीय बचाव दलों समेत अंतरराष्ट्रीय बचाव दल नेपाल पहुंच चुके हैं।

भारत ने बचाव और पुनर्वास के एक बड़े प्रयास के तहत 13 सैन्य विमान तैनात किए हैं, जिनमें अस्पताल सुविधाएं, दवाएं, कंबल और 50 टन पानी एवं अन्य सामग्री है।

भारत ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल के 700 से ज्यादा आपदा राहत विशेषज्ञों को तैनात किया है। एक वरिष्ठ स्तरीय अंतरमंत्रालयी दल नेपाल का दौरा करके यह आकलन करेगा कि भारत किस तरह राहत अभियानों में बेहतर सहयोग कर सकता है।

बचावकर्मी मलबे के ढेर में फंसे जीवित लोगों की खोज हाथों से भी कर रहे हैं और भारी उपकरणों से भी। ताजा झटकों, तूफानों और पर्वतीय श्रृंखलाओं पर हिमपात के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहे हैं।

स्थानीय लोग और पर्यटक जीवित बचे लोगों को निकालने के लिए मलबे में खोज में जुटे रहे। जब लोग जीवित पाए जाते तो वहां मौजूद लोगों में हर्ष की लहर दौड़ जाती। हालांकि अधिकतर शव ही बाहर निकाले गए। नेपाल के कई अन्य इलाकों की तरह काठमांडो इस आपदा के कारण हुई तबाही से निपटने की एक भारी चुनौती का सामना कर रहा है। राजधानी में पूरी-पूरी सड़कों और चौराहों पर मलबा पड़ा है। इस शहर की जनसंख्या लगभग तीस लाख है।  (भाषा)

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