आजादी के बाद 20 साल तक तानाशाही शासन चाहते थे बोस

सोमवार, 20 अप्रैल 2015 (10:36 IST)
नई दिल्ली। भारत की स्वतंत्रता के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की सरकार द्वारा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जासूसी कराने का खुलासा हुआ। इस खुलासे के बाद नेताजी को लेकर अलग-अलग दावे किए गए।

अब1935 में नेताजी की लंदन से प्रकाशित किताब 'इंडियन स्ट्रगल के हवाले से दावा किया जा रहा है कि आजादी के बाद बोस देश में 20 साल तक कड़ा तानाशाही शासन चाहते थे। इस किताब में बोस ने भारत में फासीवाद और वामपंथ की मिलीजुली राजनीतिक व्यवस्था की वकालत की थी।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक अक्टूबर 1943 में बोस ने प्रोविजनल गवर्नमेंट ऑफ फ्री इंडिया का एलान किया। इसमें उन्होंने कहा कि सभी भारतीय इसके प्रति समर्पण और निष्ठा जताए और जो भी इसका विरोध करेगा, उसे उनकी सरकार या सेना मार सकती है।

इंडियन नेशनल आर्मी का ऐलान था कि, अगर कोई शख्स प्रोविजनल गवर्नमेंट ऑफ फ्री इंडिया, इंडियन नेशनल आर्मी या हमारी साथी आर्मी निपों आर्मी (जापानी आर्मी) के इरादों को नहीं समझता है तो इससे भारत की आजादी में मुश्किल होगी, इसलिए उसे मार डाला जाएगा या कड़ी सजा दी जाएगी।

उस दौर के अखबार 'संडे एक्सप्रेस' और 'सिंगापुर डेली' में छपे बोस के भाषण के अनुसार, जब तक थर्ड पार्टी ब्रिटिश है लड़ाई खत्म नहीं होगी। वे तब ही जाएंगे जब कोई मजबूत तानाशाह 20 साल तक भारत पर राज करेगा। भारत में ब्रिटिश शासन खत्म करने के लिए कुछ साल तक सख्त तानाशाह चाहिए। (एजेंसियां)

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