कारोबार बढ़ाने के लिए नई वीजा नीति

गुरुवार, 1 दिसंबर 2016 (08:11 IST)
नई दिल्ली। देश में व्यापार को बढ़ावा देने और ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने नई उदार वीजा नीति को मंजूरी दी। इसमें पर्यटन, कारोबार, स्वास्थ्य एवं सम्मेलन जैसे वीजा को मिलाकर बनाया गया बहुउद्देशीय प्रवेश समग्र वीजा भी शामिल है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ई-पर्यटक वीजा की सुविधा आठ और देशों को देने
का निर्णय किया गया। अब कुल 158 देशों को यह सुविधा मिलेगी।
 
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में मौजूदा वीजा व्यवस्था के उदारीकरण और सरलीकरण को अनुमति दी है। इससे वीजा नीति में व्यापक बदलाव आएंगे। इन बदलावों का फैसला विदेश मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद किया।

नई वीजा नीति से विदेशियों को पर्यटन, कारोबार और स्वास्थ्य कारणों से देश में प्रवेश करने में आसानी होगी। इससे देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलने और पयर्टन, स्वास्थ्य पर्यटन इत्यादि सेवाओं के निर्यात से आय बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा 'स्किल इंडिया', 'डिजिटल इंडिया', 'मेक इन इंडिया' जैसी सरकार की प्रमुख योजनाओं के तहत कारोबार के लिए प्रवेश करने में भी आसानी होगी।
 
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के विचार पर पहली बार वाणिज्य मंत्रालय द्वारा संज्ञान में लाए गए एक प्रस्ताव के मद्देनजर पर्यटक, कारोबारी और इलाज एवं सम्मेलन इत्यादि में भाग लेने भारत आने वाले लोगों को वीजा नयी श्रेणी के तहत दिया जाएगा।
 
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि लंबी अवधि वाले बहुउद्देशीय प्रवेश वीजा को 10 वर्ष के लिए जारी किया जाएगा लेकिन इस श्रेणी के वीजा के तहत विदेशी व्यक्ति को यहां काम करने और स्थायी रूप से रहने की अनुमति नहीं होगी। दस वर्षों की अवधि वाले वीजा चुनिंदा देश के नागरिकों को जारी होंगे शेष के लिए यह वीजा पांच वर्ष की अवधि का होगा। 
 
अधिकारी ने बताया कि इस वीजा के तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी यात्रा के दौरान केवल 60 दिन ही रूकता है तो सरकार उसका वीजा शुल्क भी माफ कर सकती है। हालांकि यात्री को अपनी बायोमीट्रिक जानकारियां देनी होगी और सुरक्षा दायित्वों को पूरा करना होगा। (भाषा)

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