कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने यह सवाल तब उठाया, जब उन्हें सूचित किया गया कि दिसंबर के बाद अधिकरण में महज 3 न्यायिक सदस्य तथा 2 विशेषज्ञ सदस्य ही बचेंगे। पीठ ने सरकार को 2 हफ्तों के भीतर स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। अब मामले पर सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
अदालत को यह भी बताया गया कि इसके अधिकांश सदस्य सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, ऐसे में एनजीटी की 2 जोनल शाखाएं अक्टूबर माह तक काम करना बंद कर देंगी। याचिका में कहा गया कि वर्तमान में एनजीटी में 8 न्यायिक सदस्य और 6 विशेषज्ञ सदस्य हैं जिनमें से कई सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।