अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'मंदिर के नजदीक आपने दुकानें खोलने की इजाजत दे रखी है। शौचालय की कोई उचित सुविधा नहीं है। क्या आप जानते हैं कि महिलाओं के लिए यह कितनी परेशानी की बात है? आपने तीर्थयात्रियों को उचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं कराई? आप तीर्थयात्रियों के बजाए व्यावसायिक गतिविधियों को तवज्जो दे रहे हैं। यह गलत है। मंदिर की पवित्रता का खयाल रखा जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि समिति को जांच के बाद उचित मार्ग, गुफा के इर्दगिर्द के स्थल को साइलेंट जोन घोषित करने और मंदिर के निकट स्वच्छता बनाए रखने जैसे पहलुओं पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। समिति से इलाके में इको-फ्रेंडली शौचालय के निर्माण के बारे में विचार करने के लिए भी कहा गया है।