मुम्बई। उर्दू के मशहूर शायर और फिल्म गीतकार निदा फ़ाज़ली ने सूरदास की एक कविता से प्रभावित होकर शायर बनने का फैसला किया था। एक दिन निदा फ़ाज़ली मंदिर के पास से गुजर रहे थे तभी उन्हें सूरदास की एक कविता सुनाई दी। कविता में राधा और कृष्ण की जुदाई का वर्णन था। निदा फ़ाज़ली इस कविता को सुनकर इतने भावुक हो गए कि उन्होंने उसी क्षण फैसला कर लिया कि वह कवि के रूप में अपनी पहचान बनाएंगे।