न्यायमूर्ति आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी। पीठ के अन्य सदस्य जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना हैं। दोषी पवन गुप्ता की ओर से इस संबंध में दायर की गई याचिका दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। याचिका में पवन ने दावा किया है कि 16 दिसंबर 2012 को वह नाबालिग था, इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती।
निर्भया केस के एक अन्य आरोपी मुकेश सिंह की दया याचिका पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। दरअसल, क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के पास दया के लिए गुहार लगाई थी। फांसी से बचने के लिए अब उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।