क्या है नीति आयोग?

नीति आयोग(नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफारमिंग इंडिया) पं. जवाहरलाल नेहरू के युग में शुरू की गई योजना आयोग का प्रतिस्थापन है। नेहरू काल में शुरू किए गए योजना आयोग ने भारत के पंचवर्षीय विकास की योजना को कई सालों तक लागू किया। भारत में लगभग 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार ने वर्षों पुरानी योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग रख दिया है। 
 
साथ में इस आयोग की कार्यप्रणाली में भी एक बड़े स्तर पर बदलाव किया गया है। इस नई संस्था को थिंक-टैंक के रूप में वर्णित किया गया है। इस आयोग का प्राथमिक कार्य सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का है ताकि सरकार ऐसी योजना का निर्माण करे जो लोगों के हित में हो। 
              
नीति आयोग किस प्रकार योजना आयोग से भिन्न है :  नीति आयोग ने लोगों के विकास के लिए नीति बनाने के लिए विकेन्द्रीयकरण (सहकारी संघवाद) को शामिल किया है। इसके आधार पर केंद्र के साथ राज्य भी योजनाओं को बनाने में अपनी राय रख सकेंगे।  इसके अंतर्गत योजना निचले स्तर पर स्थित इकाइंयों गांव, जिले, राज्य, केंद्र के साथ आपसी बातचीत के बाद तैयार की जाएगी। इसका उद्देश्य जमीनी हकीकत के आधार पर योजना बनाना होगा। 
 
नए नीति आयोग कौन किस पद पर- 
 
अध्यक्ष  :     नरेन्द्र मोदी 
गवर्निंग काउंसिल  :  मुख्यमंत्री (राज्यों के) और लेफ्टिनेंट गवर्नर (संघ शासित क्षेत्रों के)
क्षेत्रीय परिषद  :     जरूरत के आधार पर गठित, मुख्यमंत्री व क्षेत्र के लेफ्टिनेंट गवर्नर को शामिल किया गया।
सदस्य  :      पूर्णकालिक आधार पर
अंशकालिक सदस्य :  अधिकतम 2, रोटेशनल , प्रासंगिक संस्थानों से।
पदेन सदस्य :  मंत्रियों की परिषद से अधिकतम 4, प्रधानमंत्री द्वारा नामित।  
सीईओ :  निश्चित अवधि के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त। 
सचिवालय : यदि आवश्यक हो। 

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