उन्होंने कहा कि इस बंदरगाह का निर्माण भारत तथा ईरान के बीच व्यापारिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके बनने से ईरान, रूस तथा अफगानिस्तान के लिए भी सामान की आवाजाही करना आसान हो जाएगा और पाकिस्तान से होकर नहीं जाना पड़ेगा। इस बंदगाह का संचालन शुरू होने के बाद चाबाहार तथा कांडला के बीच की दूरी दिल्ली तथा मुंबई की दूरी से भी कम हो जाएगी।