Nitin Gadkari News : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में एक ऐसे समाज की जरूरत है जहां किसी को भी लिंग, जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव महसूस न हो, बल्कि उनकी प्रतिभा और योगदान के आधार पर आंका जाए। गडकरी ने कहा कि दुनिया अब बदल गई है और महिलाओं को अपने लिंग के आधार पर सीमित महसूस नहीं करना चाहिए। गडकरी ने 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले समाज में असामान्य योगदान देने वाली महिलाओं को लोकमाता अहिल्याबाई होलकर महिला सम्मान प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।
गडकरी ने कहा, हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहां किसी को जाति, लिंग, धर्म या सामाजिक स्थिति के आधार पर नहीं आंका जाए, बल्कि उनकी प्रतिभा और योगदान के आधार पर आंका जाए। यह पुरस्कार मुंबई स्थित कमला अंकीबाई घमंडीराम गोवानी ट्रस्ट प्रदान करता है।
गडकरी ने कहा कि दुनिया अब बदल गई है और महिलाओं को अपने लिंग के आधार पर सीमित महसूस नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, जहां योग्यता मौजूद है, वहां महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं। शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वालों में 75 प्रतिशत महिलाएं हैं।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिला सशक्तीकरण और पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा द्वारा इस संबंध में की गई प्रगति के बारे में बात की। उन्होंने याद किया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने महिलाओं के संबंध में राज्य में व्याप्त गहरी वर्जनाओं को देखा। खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल हरियाणा में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में महिलाओं के लिए समर्पित 30 पुलिस थाने स्थापित किए गए थे और इन सभी थानों का प्रबंधन महिला अधिकारियों द्वारा किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी परेशानियों को आसानी से प्रस्तुत कर सकें। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour