राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, बसपा के सतीश मिश्रा, सपा के रामगोपाल यादव और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले पर सत्तापक्ष से जवाब मांगने की सभापति से मांग की।
उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ नोटा पर वोट देने वाले जनप्रतिनिधयों की अपनी पार्टी की सदस्यता खतरे में पड़ जायेगी बल्कि संवैधानिक संकट भी खड़ा हो जायेगा। इसके समर्थन में सपा के नरेश अगवाल ने सभापति से सदन द्वारा इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की। लेकिन अंसारी ने कहा कि सदस्य अगर इस मसले पर चर्चा कराना चाहते हैं तो उन्हें पहले नोटिस देना होगा।