Ganga's water level rises in Kashi : पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही झमाझम बारिश का असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने के लिए मिल रहा है। बारिश के चलते काशी गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है जिससे बनारस शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन पर साफतौर असर दिखाई पड़ने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन होने वाली विश्वविख्यात गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ा। गंगा सेवा निधि ने आरती के पारंपरिक स्थल से लगभग 10 फीट पीछे हटकर आरती आयोजित कराई ताकि श्रद्धालुओं और पुजारियों की सुरक्षा की जा सके।
आरती का दृश्य सैकड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना : एक तरफ गंगा का जलस्तर चिंता का विषय था, वही दूसरी तरफ गंगा आरती का यह दृश्य सैकड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। आरती के दौरान जलभराव के कारण श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में कठिनाई हुई और भीड़ भी अपेक्षाकृत अधिक रही। पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी घाटों पर तैनात कर दी हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
मौसम विभाग की चेतावनी : मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अतिवृष्टि की संभावना जताई है जिसके चलते गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। वहीं बाढ़ नियंत्रण विभाग की निगरानी टीम भी लगातार घाटों और जलस्तर पर नजर बनाए हुए है। अगर इसी तरह जलस्तर में वृद्धि जारी रही, तो आने वाले दिनों में कई अन्य धार्मिक आयोजनों और घाटों पर गतिविधियों प्रभावित होंगी या उन पर रोक लगाया जा सकता है।
श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं : भले ही काशी में गंगा लबालब हो गई, लेकिन गंगा आरती और श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। मंगलवार को हुई गंगा आरती के दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। गंगा आरती के दौरान आयोजकों द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन, गंगा सेवा निधि और स्थानीय नागरिकों का सहयोग देखने योग्य है।