काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर, विश्वविख्यात गंगा आरती का स्थान 10 फीट पीछे हटाया गया

हिमा अग्रवाल

बुधवार, 9 जुलाई 2025 (13:02 IST)
Ganga's water level rises in Kashi : पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही झमाझम बारिश का असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने के लिए मिल रहा है। बारिश के चलते काशी गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है जिससे बनारस शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन पर साफतौर असर दिखाई पड़ने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन होने वाली विश्वविख्यात गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ा। गंगा सेवा निधि ने आरती के पारंपरिक स्थल से लगभग 10 फीट पीछे हटकर आरती आयोजित कराई ताकि श्रद्धालुओं और पुजारियों की सुरक्षा की जा सके।
 
गंगा के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि देखी गई : गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगा के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि देखी गई जिससे घाटों के निचले हिस्से जलमग्न हो गए। मिश्रा ने बताया कि दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट तक पानी घाटों की सीढ़ियों को पार कर चुका है और आरती स्थल तक पहुंच गया है। यही वजह रही की गंगा आरती घाट के ऊपरी हिस्से पर आयोजित की गई, लेकिन आरती के समय गंगा घाट का सम्पर्क भी टूट गया।ALSO READ: गंगा दशहरा पर्व का क्या है महत्व?
 
आरती का दृश्य सैकड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना : एक तरफ गंगा का जलस्तर चिंता का विषय था, वही दूसरी तरफ गंगा आरती का यह दृश्य सैकड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। आरती के दौरान जलभराव के कारण श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में कठिनाई हुई और भीड़ भी अपेक्षाकृत अधिक रही। पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी घाटों पर तैनात कर दी हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
 
स्थानीय प्रशासन की मानें तो बनारस के सभी 84 घाटों के आपसी संपर्क भी टूट चुके हैं। सामान्य दिनों में श्रद्धालु एक घाट से दूसरे घाट तक सीढ़ियों या पक्के रास्तों के माध्यम से आसानी से पहुंचते हैं, लेकिन वर्तमान में अधिकांश घाटों पर जलभराव होने के कारण यह रास्ते बंद हो गए हैं। प्रशासन द्वारा चेतावनी जारी की गई है कि श्रद्धालु गंगा के जल में न उतरें और घाटों के निचले हिस्सों से दूर रहें।ALSO READ: औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास
 
मौसम विभाग की चेतावनी : मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अतिवृष्टि की संभावना जताई है जिसके चलते गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। वहीं बाढ़ नियंत्रण विभाग की निगरानी टीम भी लगातार घाटों और जलस्तर पर नजर बनाए हुए है। अगर इसी तरह जलस्तर में वृद्धि जारी रही, तो आने वाले दिनों में कई अन्य धार्मिक आयोजनों और घाटों पर गतिविधियों प्रभावित होंगी या उन पर रोक लगाया जा सकता है।
काशी में गंगा का बढ़ता जलस्तर न केवल धार्मिक क्रियाकलापों को प्रभावित कर रहा है बल्कि स्थानीय व्यापारियों और नाविकों की आजीविका को भी सीधेतौर पर प्रभाव डालता नजर आ रहा है। गंगा घाट के किनारे पर बनी दुकानों और नौका सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है। यदि यह बंद कुछ दिन के लिए हो गया तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।ALSO READ: कथावाचक विवाद पर काशी विद्वत परिषद का बड़ा बयान, सभी हिंदुओं को कथा का अधिकार
 
श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं : भले ही काशी में गंगा लबालब हो गई, लेकिन गंगा आरती और श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। मंगलवार को हुई गंगा आरती के दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। गंगा आरती के दौरान आयोजकों द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन, गंगा सेवा निधि और स्थानीय नागरिकों का सहयोग देखने योग्य है।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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