क्या है एनपीआर? : एनपीआर देश में रहने वाले निवासियों का रजिस्टर है। नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र) नियम, 2003 के प्रावाधनों तहत यह स्थानीय (गांव/कस्बा) उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नियम में इसका उल्लंघन करने वाले पर 1 हजार रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।
होंगे 18 सवाल : गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस बार एनपीआर के दौरान न तो किसी के कोई दस्तावेज मांगे जाएंगे, न ही बायोमेट्रिक देने को कहा जाएगा। इसमें लगभग 18 सवाल होंगे। एनपीआर कानून और जनगणना कानून के तहत सही जानकारी नहीं देने वाले के खिलाफ जुर्माने का भी प्रावधान है। यह अलग बात है कि अभी तक किसी के ऊपर यह जुर्माना नहीं लगाया गया है।
हालांकि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक एनपीआर डेटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ ही बायोमेट्रिक विवरण भी होंगे। इसमें कहा गया कि एनपीआर का लक्ष्य देश में रहने वाले हर निवासी का समग्र डेटाबेस तैयार करना है। डेटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक विवरण भी होंगे।
बंगाल और केरल ने लागू करने से किया मना : संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर देश के विभिन्न हिस्से में विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल और केरल ने एनपीआर को अद्यतन करने का काम फिलहाल रोक दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर राज्यों ने एनपीआर से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित कर दिया है।