यह लाइसेंस प्लेट जिसे आम भाषा में 'नंबर प्लेट' कहा जाता है, वाहन का पंजीकरण नंबर लिखकर वाहन में लगाई जाती है। गडकरी ने बातचीत में कहा कि हमने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब विनिर्माता प्लेट लगाकर देंगे और उन पर अक्षर उभारने का काम बाद में मशीन के जरिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्लेट की लागत कार की कीमत में ही शामिल होगी और इससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी। मंत्री ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी वाली नंबर प्लेट का मकसद न केवल उपभोक्ताओं को राहत देना है, बल्कि इससे विभिन्न राज्यों में यह एकसमान हो सकेंगी।
उन्होंने बताया कि राज्यों द्वारा जो नंबर प्लेट खरीदी जाती हैं उनकी कीमत 800 से 40,000 रुपए तक होती है। अभी नंबर प्लेट या लाइसेंस प्लेट संबंधित राज्यों के जिला स्तरीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा जारी की जाती हैं। गडकरी ने कहा कि जहां तक वाहनों की सुरक्षा का सवाल है, इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। वाहन सस्ता हो या महंगा नियम सभी के लिए समान होंगे।