नई दिल्ली। चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा ‘नीट’ (NEET Examination) के नतीजे शुक्रवार रात को घोषित कर दिए गए। परीक्षा में ओडिशा के शोएब आफताब (Shoaib Aftab) ने पहला जबकि दिल्ली की आकांक्षा सिंह (Akanksha Singh) ने दूसरा स्थान हासिल किया है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शोएब ने परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
शोएब और आकांक्षा को मिले शत-प्रतिशत अंक : दरअसल जब शुक्रवार रात नीट परीक्षा के परिणाम घोषित हुए तब शोएब आफताब और आकांक्षा सिंह को दोनों को शत-प्रतिशत यानी 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए लेकिन एनटीए की टाई-ब्रेकिंग नीति के तहत आफताब को पहला और आकांक्षा को दूसरा स्थान मिला है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दी बधाई : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट किया, ‘देश की अत्यंत प्रतिष्ठित प्रवेश-परीक्षा #नीट का परिणाम जारी हो गया है। मेरी ओर से परीक्षा में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस साल नए डॉक्टरों का दल देने के लिए एनटीए को धन्यवाद देता हूं। परीक्षा इस बार 'परीक्षा की घड़ी' में संपन्न हुई और सहयोगात्मक संघवाद का भाव भी देखने को मिला। मैं सभी मुख्यमंत्रियों को भी इसके लिए धन्यवाद देता हूं।’
इस परीक्षा में करीब 13.66 लाख विद्यार्थी शामिल हुए जिनमें से कुल 7,71,500 उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। सबसे अधिक त्रिपुरा के उम्मीदवारों (88,889) ने परीक्षा में सफलता हासिल की जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के प्रतिभागी रहे। महाराष्ट्र के 79,974 प्रतिभागियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) कोविड-19 महामारी के बीच कड़े एहतियाती उपायों के साथ 13 सितंबर को कराई गई थी। इस साल से देश के 13 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जवाहर लाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुडुचेरी की एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर भी नीट के जरिये प्रवेश होगा। यह बदलाव पिछले साल संसद से पारित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत किया गया है।
इस बार नीट परीक्षा 11 भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगु और उर्दू् में कराई गई। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक 77 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अंग्रेजी भाषा में परीक्षा दी जबकि हिंदी भाषा में 12 प्रतिशत और अन्य भाषाओं में 11 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल नीट परीक्षा 2 बार टाली गई और सरकार ने अकादमिक सत्र को शून्य होने से बचाने के लिए एक वर्ग के विरोध के बावजूद परीक्षा कराने का फैसला किया। (इनपुट भाषा)