सदी का सबसे बड़ा हादसा : ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना इस सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है और सच्चाई का पता लगाने के लिए उपयुक्त जांच की आवश्यकता है। ममता दो बार रेल मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस मार्ग पर टक्कर रोधी प्रणाली होती तो हादसे को टाला जा सकता था। उन्होंने दावा किया कि यात्रियों की सुरक्षा की रेलवे द्वारा अनदेखी की जा रही है।
ममता ने कहा कि मैं जब रेल मंत्री थी, तब मैंने टक्कर रोधी प्रणाली लगाने की शुरूआत की थी और इसने हादसों की संख्या घटा दी। उन्होंने दावा किया कि केरल, बेंगलुरु और ओडिशा से कुछ ही यात्री थे ,जबकि ज्यादातर यात्री पश्चिम बंगाल से थे।
उन्होंने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस देश की सर्वश्रेष्ठ ट्रेनों में एक है। यह सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है। जब मैं रेल मंत्री थी, तब माओवादियों ने बिहार में एक हादसे की साजिश रची थी, जिसकी जांच सीआईडी को सौंपी गई थी। दुर्भाग्य से आज तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। ममता ने हादसे में जान गंवाने वाले पश्चिम बंगाल के यात्रियों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
288 हुई संख्या : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है। अधिकारी ने शनिवार दोपहर 2 बजे तक उपलब्ध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हादसे में 803 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि उनमें से 56 को गंभीर चोटें आई हैं। दोनों एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में लगभग 2000 लोग सवार थे। बालासोर जिले में शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ। Edited By : Sudhir Sharma