हादसा कितना भीषण था इस अंदाजा घटनास्थल से आई तस्वीरों के देखकर लगाया जा सकता है। घटनास्थल पर ट्रेन की कई बोगियां पलटी हुई दिख रही है तो वहीं कुछ बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई हैं और कुछ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे कितना भयानक था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि मालगाड़ी के ऊपर यात्री ट्रेन का इंजन चढ़ा गया।
बालासोर में दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी टक्कर के बाद बालासोर में जिसने भी हादसे के बारे में सुना मदद के लिए दौड़ पड़ा। दुर्घटना स्थल के साथ ही अस्पतालों में भी भारी भीड़ दिखाई दी। हर व्यक्ति हर संभव मदद के लिए तत्पर दिखाई दिया। दुर्घटना स्थल पर सैकड़ों लोगों के शरीर के अंग बिखरे हुए थे। वहां का दृश्य देख कर लोग सिहर उठे।
अस्पतालों में ब्लड डोनेशन के लिए लाइनें लग गई। स्थिति यह हो गई कि ब्लड लेने वाले हाथ कम पड़ गए।
आंकड़े बताते हैं कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है। इस हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी।
खड़गपुर - 8972073925, 9332392339
बालासोर - 8249591559, 7978418322
शालीमार - 9903370745
संतरागाची - 8109289460, 8340649469
भद्रक - 7894099579, 9337116373