न्यूयॉर्क। फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत पर निशाना साधना पाकिस्तान की आदत रही है। पाकिस्तान के मंत्री, नेता, क्रिकेटर बिना विचारे फर्जी वीडियो पोस्ट कर देते हैं और उनकी सचाई खुलने पर उनकी खूब खिल्ली उड़ती है। इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फर्जी वीडियो पोस्ट कर दिया। उनका लक्ष्य भारत को नीचा दिखाना था, लेकिन हर बार की तरह उनका यह दांव उलटा पड़ गया। यूजर्स ने कहा कि इमरान खान को सामान्य ज्ञान तक नहीं है। हालांकि फर्जीवाड़े की पोल खुलने और ट्रोल होने के बाद यह वीडियो हटा लिया गया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा था कि उत्तर प्रदेश में पुलिस मुस्लिमों के खिलाफ अभियान चला रही है और उन पर अत्याचार कर रही है, लेकिन यह वीडियो पुराना और बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन का था।
इमरान ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘मोदी सरकार के नस्लीय सफाए के अभियान के तहत भारतीय पुलिस मुस्लिमों पर हमले कर रही है।’ उन्होंने दावा किया कि मुस्लिमों पर अत्याचार किया जा रहा है। इमरान ने ऐसे तीन ट्वीट किए थे, लेकिन जब ट्विटर यूजर्स ने इस ट्वीट पर इमरान को गलत जानकारी देने के लिए ट्रोल करना शुरू किया तो उन्होंने यह ट्वीट हटा लिए।
क्या था वीडियो में : जिस वीडियो के जरिए इमरान यूपी में मुस्लिमों पर पुलिस के अत्याचार का दावा कर रहे थे, वह वीडियो 2013 में बनाया गया था। इमरान के वीडियो में बांग्लादेश आतंकवाद निरोधी दस्ते की रैपिड एक्शन बटालियन के जवान नजर आ रहे थे। यह वीडियो उस वक्त बना जब ढाका में पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। ढाका में प्रदर्शनकारी ईशनिंदा कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प भी हो गई थी।
उन्होंने कहा- पाकिस्तान की ओर से बार-बार ऐसा ही किया जाता है। पुरानी आदतें कभी नहीं जाती। उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- फर्जी खबर ट्वीट करो। पकड़े जाओ। डिलीट करो। फिर से वही काम करो।