भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब लोकसभ के प्रोटेम स्पीकर बनाए गए है। 24 जून से शुरु हो रहे सत्र में भर्तृहरि महताब नए सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। वहीं अब लोकसभा का स्पीकर कौन होगा, इसकी अटकलें तेज होगी। मोदी 3.0 सरकार में जिस तरह से अधिकांश मंत्रियों को उनके पुराने विभागों की ही जिम्मेदारी दी गई है, उसके बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि क्या ओम बिरला दोबारा लोकसभा अध्यक्ष होंगे।
ओम बिरला से शाह-नड्डा की मुलाकात-ओम बिरला को दोबारा लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ओम बिरला से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही ओम बिरला के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। राजस्थान की कोटा लोकसभा सभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाले ओम बिरला भाजपा की ओर से लोकसभा के लिए सबसे सशक्त दावेदार भी है।
141 सांसदों को किया था निलंबित- लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला की भूमिका ने काफी सुर्खियों बटोरी थी। लोकसभा चुनाव से ठीक संसद के आखिरी शीतकालीन सत्र में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जब एक साथ 141 सांसदों को निलंबित किया था तो वह अचानक से सुर्खियों में आ गए थे। देश के संसदीय इतिहास में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबन नहीं हुआ थ। लोकसभा स्पीकर के इस निर्णय के विरोध में विपक्ष ने संसद से लेकर सड़क तक काफी हंगामा किया था।
ऐसे में अब जब लोकसभा चुनाव में विपक्ष काफी ताकतवर बनकर उभरा है और विपक्ष के नेताओं ने सदन शुरु होने से पहले ही इसके संकेत दे दिए है, ऐसे में लोकसभा स्पीकर की भूमिका काफी अहम हो गई है तब सत्तारूढ़ दल लोकसभा स्पीकर पद पर अपने मजबूत चेहरों को बैठाएगा।
स्पीकर की दौड़ में कई नाम-लोकसभा स्पीकर पद की रेस में कई नाम शामिल है। ओम बिरला के साथ स्पीकर पद की दौड़ में डी. पुरंदेश्वरी और राधा मोहन सिंह का नाम शामिल है। बिहार से आने वाले BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह छठी बार सांसद चुने गए हैं। वहीं डी. पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष है। डी पुरंदेश्वरी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेता रहे एनटी रामाराव की बेटी और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार भी हैं।
स्पीकर पर आम सहमति बनाने की कोशिश- लोकसभा स्पीकर पर सरकार आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार के सीनियर मंत्री राजनाथ सिंह को स्पीकर पद पर नाम को लेकर आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। NDA के सहयोगी दलों ने स्पीकर पद पर नाम पर आम सहमति बनाने के लिए भाजपा पर जिम्मेदारी छोड़ दी है।
वहीं विपक्ष ने लोकसभा स्पीकर पर सरकार को समर्थन देने की शर्त पर डिप्टी स्पीकर का पद मांग लिया। ऐसे में अगर सत्ता पक्ष विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद नहीं देती है तो लोकसभा स्पीकर पद के लिए 26 जून को चुनाव हो सकता है। राजनीति के जानकार कहते है कि NDA गठबंधन का नेतृत्व करने वाली मोदी सरकार लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनाव से बचना चाहिए जिससे सदन में मत विभाजन से बचा जा सके।