भाजपा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। हालांकि उसे बहुमत साबित करने के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ऐसे में NCP नेता अजित पवार को साधा गया और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने का लालच दिया गया। अजित ने भी रात के अंधेरे में भाजपा को समर्थन देकर मंत्री पद स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं वह अपने साथ 11 विधायकों को भी ले गए।
कांग्रेस और शिवसेना को भी सता रहा है डर : NCP के साथ ही कांग्रेस और शिवसेना को भी अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। यह तीनों ही पार्टियां अपने विधायकों को संभालने में जुटी हुई है। शिवसेना ने तो विधायकों को बचाने के लिए प्लान भी तैयार किया है। लगातार विधायकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।