ऑपरेशन सिंदूर: स्कैल्प मिसाइल, हैमर बम और कामिकाजे ड्रोन ने मचाया पाकिस्तान में तांडव, जानिए इन मारक हथियारों की खासियत

WD Feature Desk

बुधवार, 7 मई 2025 (15:17 IST)
Operation Sindoor details: 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारत ने जवाबी कार्रवाही के तहत ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।  भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारत ने अत्याधुनिक और लंबी दूरी के हथियारों का प्रयोग किया, जिसमें स्कैल्प क्रूज मिसाइल हैमर प्रिसिज़न बम और लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल थे। आइये जानते हैं ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए हथियार के बारे में :

स्कैल्प (SCALP) क्रूज मिसाइल: लंबी दूरी की अचूक मारक क्षमता
स्कैल्प, जिसका पूरा नाम "सिस्टम डी क्रूज ऑटोनॉम पोर ला लिब्रेसेशन डी'आर्मे ए लॉन्ग्यू पोर्टे" (Système de Croisière Autonome pour la Livraison d'Arme à Longue Portée) है, एक लंबी दूरी की, हवा से सतह पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। इसे मुख्य रूप से दुश्मन के महत्वपूर्ण और संरक्षित लक्ष्यों को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह भारत के 36 राफेल जेट्स का हिस्सा है।

विभिन्न संस्करणों के आधार पर इसकी रेंज 250 किलोमीटर से अधिक हो सकती है।स्कैल्प मिसाइल जमीन के करीब, कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है, जिससे इसे दुश्मन के रडार द्वारा पकड़ना मुश्किल हो जाता है। "सी-स्किमिंग" क्षमता इसे और भी घातक बनाती है। यह मिसाइल शक्तिशाली पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है, जो दुश्मन के बंकरों, कमांड सेंटरों, हवाई अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है। एक बार लॉन्च होने के बाद, स्कैल्प मिसाइल स्वायत्त रूप से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है।

हैमर (HAMMER) प्रिसिज़न बम: हर मौसम में सटीक निशाना
हैमर स्मार्ट बम का इस्तेमाल लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के बंकरों और बहुमंजिला इमारतों जैसे मजबूत ढांचे को धराशाही करने के लिए किया गया। हैमर, जिसका पूरा नाम "हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज" (Highly Agile Modular Munition Extended Range) है, एक फ्रांसीसी-विकसित एयर-टू-ग्राउंड प्रिसिज़न-गाइडेड बम है।

यह अपनी मॉड्यूलर डिजाइन और उच्च सटीकता के लिए जाना जाता है। इसमें इंफ्रारेड (IR), लेजर, और GPS मार्गदर्शन विकल्प उपलब्ध हैं। विभिन्न मार्गदर्शन प्रणालियों की उपलब्धता के कारण, हैमर बम दिन या रात और खराब मौसम की स्थिति में भी अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना साध सकता है।

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लोइटरिंग म्यूनिशन: इंतजार करो, निशाना साधो और मारो
लोइटरिंग म्यूनिशन, जिसे "आत्मघाती ड्रोन" या "कामिके ड्रोन" के रूप में भी जाना जाता है। लोइटरिंग म्यूनिशन लक्ष्य क्षेत्र में काफी देर तक मंडरा सकता है, जिससे ऑपरेटर को लक्ष्य की पहचान करने और हमला करने का सही समय चुनने का मौका मिलता है। कई लोइटरिंग म्यूनिशन कैमरों और अन्य सेंसरों से लैस होते हैं, जो ऑपरेटर को वास्तविक समय में लक्ष्य क्षेत्र की निगरानी करने की अनुमति देते हैं।

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