हिमाचल और उत्तराखंड में बादलों का तांडव, करीब 50 लोगों की मौत, इमारतें गिरीं, नदियां उफान पर

हिमा अग्रवाल
Himachal and Uttarakhand News: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में तबाही की ताबड़तोड़ बारिश ने हाहाकार मचाकर रख दिया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शिव मंदिर अचानक जमीदोंज हो जाने से 9 लोगों की मौत हो गई है, वहीं मलवे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक मलवे के नीचे मंदिर में मौजूद पुजारी और श्रद्धालु दबे हुए हैं। हताहतों को निकाला जा रहा है। अकेले हिमाचल में 50 के लगभग लोगों की मौत हो गई। 
 
वहीं, उत्तराखंड राज्य का भी बुरा हाल है, जहां इमारतें भरभराकर गिर रही हैं और वाहन बह गए हैं। वाहनों में बैठे लोग लापता हैं, रेलवे के टनल में भारी बारिश के चलते कर्मचारी फंस गए, आपदा प्रबंधन टीम ने 114 लोगों को अपनी जान पर खेल कर बचाया है।
 
‍‍शिव मंदिर धराशायी : शिमला में लैंडस्लाइड के कारण शिव बावड़ी मंदिर जमींदोज हो गया। मंदिर ढहने से करीब 30 से ज़्यादा शिवभक्तों के दबे होने की सूचना से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में राहत बचाव दल मौके पर पहुंचा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों की मौत की पुष्टि की है।

उन्होंने अपने बयान में कहा है कि स्थानीय प्रशासन उन लोगों को बचाने के लिए मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है जो अभी भी फंसे हो सकते हैं। सावन का छठा सोमवार और अधिमास की शिवरात्रि होने से सुबह से ही पूजा करने वाले शिवभक्तों की मंदिर में अच्छी खासी भीड़ थी। लैंडस्लाइड के चलते मंदिर जमीन में समा गया और एक बड़ा हादसा हो गया।
   
बादल फटने से सोलन जिले के जादोन गांव में 7 लोगों की मौत हुई है। अभी भी सोलन में तबाही की बारिश का तांडव चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन की आपदा में अपनी जान गंवा चुके लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को ढांढस बंधाया है। 
 
कालका-शिमला हाईवे बंद : सोलन जिले में चक्की मोड़ के पास मलबा नीचे आने से कालका-शिमला एनएच एक बार फिर बंद हो गया है। सोलन में कई घर बह गए। गाड़ियां मलबे में दब गईं। नदियां उफान पर हैं और उनका शोर आमजन का डरा रहा है। वहीं राज्य में आज होने वाले ग्रेजुएशन के एग्जाम स्थगित कर दिए गए हैं। बीती रात्रि से बचाव राहत कार्य जारी है। इसके अलावा शिमला शहर का सर्कुलर रोड और कई सड़कें पेड़ गिरने एवं भूस्खलन से बंद हो गई हैं।
 
शिमला में संस्कृत कॉलेज के पास सड़क धंस गई है, जिससे से फागली नाभा रोड यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। एनएच 205 हीरानगर ढाहड़ा के बीच भूस्खलन के कारण दोनों ओर से बंद कर दी गई है। ब्यूलिया रोड के पास शोघी मेहली बाईपास भूस्खलन के कारण दोनों ओर से बंद हो गया है। 
 
शिमला-धर्मशाला हाईवे भी बंद : बिलासपुर में दगसेच के पास पहाड़ी धंसने से शिमला-धर्मशाला हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। शिमला से आने वाले वाहनों को नवगांव से बैरी वाली सड़क से सफर करना होगा। पहाड़ी धंसने से 4-5 मकान भी जमींदोज हो गए हैं। सड़क समेत तीन-चार वाहन धंस गए हैं। वहीं मंडी कुल्लू नेशनल हाईवे 7 मील के पास पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यहां कई यात्री बसें, ट्रक बहने की अपुष्ट सूचनाएं हैं। पंडोह में 15 से ज्‍यादा घरों में लोग फंसे हुए हैं जिन्हें प्रशासन रेस्क्यू कर रहा है।
 
उत्तराखंड में भी तबाही के मंजर : उत्तराखंड राज्य में पहाड़ से लेकर मैदान तक तबाही के मंजर सामने आ रहे हैं। यहां हो रही लगातार अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कहीं पहाड़ों का मलवा नीचे आ गया है तो कहीं पानी के तेज बहाव में भारी वाहनों के बहना जारी है। जलभराव की सूचना पर SDRF टीमें दिनभर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी रहीं। अभी भी रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है।
 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी लगातार बचाव कार्य के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं। लक्ष्मण झूला इलाके में बैराज के पास एक वाहन के पलटने की सूचना पर SDRF टीम सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वाहन में सवार 1 महिला व 2 बच्चे लापता हैं। टिहरी–देहरादून मार्ग पर एक पुराने कॉलेज की बिल्डिंग भरभराकर नदी में गिर गई। इन डरावने मंजरों को देखकर लोगों की रूह कांप रही है। ऋषिकेश मे लक्ष्मण झूले के स्पोर्टिंग तारों के ऊपर तक पानी पहुंच गया है, जो खतरे की घंटी बजा रहा है।
 
सोल घाटी में बादलों ने मचाई तबाही : चमोली जिले के ‘सोल घाटी’ क्षेत्र में बादल फटने से उफान पर आई प्राणमती नदी की चपेट में कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। बादल फटने से प्राणमति नदी उफान पर आ गई जिससे ढाढर बगड़ में काफी नुकसान हुआ है। वहां देवानंद चंदोला समेत लोगों के कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। रात को लोगों ने घर से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। प्राणमती नदी पर बना एक वैली ब्रिज और एक आरसीसी का पुल भी टूट गया।
 
वैली ब्रिज रतगांव को और आरसीसी का पुल थराली गांव को कोटडीप से जोड़ता था। इसके साथ ही सोल घाटी मोटर मार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा भी बह गया है, जिससे ब्लॉक मुख्यालय थराली से सोल घाटी का स्थलीय संपर्क कट गया है। क्षेत्र में कल से अभी तक लगातार बारिश होने से लोग दहशत में हैं। पंच केदार में से एक मद्महेश्वर को जोड़ने वाला अंतिम पुल मंतोली पुल बह गया है, वहां 200 लोग फंसे हुए हैं।
 
ऋषिकेश में खारा स्रोत के पास कुछ घरों में जलभराव होने से लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त होते ही SDRF टीम द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर मकान में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। कांगड़ी श्यामपुर, हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से एहतियात के तौर पर कांगड़ी गांव के गंगा किनारे की झोपड़ियां को खाली करवाया गया तथा 70 से 80 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। 
 
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक चल रहे रेल प्रोजेक्ट की शिवपुरी स्थित टनल में बारिश के पानी के साथ मलवा आने से टनल के अंदर इंजीनियर और कर्मचारी फंस गए। सूचना मिलते ही मुनिकीरेती जल पुलिस समेत बचाव दल रेस्क्यू उपकरण लेकर मौके पर पहुंचा और घंटों की मशक्कत के बाद रस्सों की मदद से टनल में फसे लोगों को 114 लोग सुरक्षित बाहर निकाले हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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