आरएसएस के पदाधिकारी ने केरल के मुख्यमंत्री के सिर पर रखा इनाम

गुरुवार, 2 मार्च 2017 (22:10 IST)
उज्जैन/ नई दिल्ली/कोच्चि। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का सिर कलम करने  पर 1 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा कर एक विवाद छेड़ दिया। हालांकि संघ, माकपा और कांग्रेस ने इसकी निंदा  की है। विजयन ने अपनी जान को खतरा होने की बात खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का आह्वान उन्हें कहीं आने जाने से नहीं रोकेगा, जबकि केरल की सत्तारूढ माकपा और कांग्रेस ने आरएसएस पदाधिकारी की घृणित टिप्पणी को लेकर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।
 
मध्यप्रदेश के उज्जैन में आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख कुंदन चंद्रावत ने केरल में अपने कार्यकर्ताओं की कथित तौर  पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हत्या का बदला लेने पर इनाम देने की घोषणा की। चंद्रावत को एक वीडियो  क्लिप में यह कहते देखा गया, केरल के मुख्यमंत्री आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं, जो इस देश को आगे  ले जाना चाहते हैं। उनका सिर कलम करने वाले किसी व्यक्ति को मैं एक करोड़ रुपया दूंगा, चाहे मुझे अपना मकान  ही क्यों ना बेचना पड़े। उन्होंने कहा कि 300 बेकसूर लोग (आरएसएस से जुड़े) मार दिए गए लेकिन केरल के  मुख्यमंत्री ने इसके प्रति आंखें मूंद लीं। 
 
उन्होंने कहा, क्या हिंदुओं के खून में कोई साहस नहीं है? मैं, डॉ कुंदन चंद्रावत इस मंच से घोषणा करता हूं कि मेरे पास जो मकान है वही एक करोड़ रूपए से अधिक का है और मुझमें कुव्वत है। उनका (विजयन का) सिर कलम करने  वाले और उसे मेरे पास लेकर आने वाले को मैं इसे (मकान को) हस्तांतरित कर दूंगा। 
 
हालांकि आरएसएस ने चंद्रावत की टिप्पणी से जल्द ही अपनी दूरी बना ली। संघ के राष्ट्रीय सहप्रचार प्रमुख जे नंद  कुमार ने से कहा कि आरएसएस ऐसी टिप्पणियों की सख्त निंदा करता है। संघ हिंसा में यकीन नहीं रखता, लेकिन  हम केरल में अपने कार्यकर्ताओं पर हमलों का लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना जारी रखेंगे।

आरएसएस की प्रचार शाखा के एक शीर्ष पदाधिकारी कुमार ने कहा कि वह नहीं जानते कि चंद्रावत कौन है। उधर,  विजयन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि संघ परिवार ने कई लोगों के हाथ काटे हैं। यह हमें इधर उधर की यात्रा  करने से नहीं रोक सकता। 
 
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में संघ परिवार के एक नेता ने विजयन के सिर पर इनाम की घोषणा की है। मैंने यह  बर देखी है। आरएसएस कई स्थानों पर हत्या में शामिल रहा है। केवल उस वजह से हमारे लिए यह संभव नहीं है 
कि हम सड़क पर नहीं निकलें। वहीं, संघ पर प्रहार करते हुए माकपा महासचिव सीताराम एचुरी ने ट्वीट किया कि  चंद्रावत की टिप्पणी से आतंकी संगठन के रूप में आरएसएस का असली रंग सामने आया है।
 
एचुरी ने टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजग सरकार की चुप्पी पर भी सवाल किया। माकपा पोलित ब्यूरो  ने एक बयान में कहा कि सरकार की चुप्पी आरएसएस को इस तरह की निंदा योग्य धमकियों के लिए प्रोत्साहित  करता है। इसने कहा कि इसके जरिए संघ ने इस बात की फिर से पुष्टि की है कि यह हिंसा और आतंक की राजनीति को  फैलाता है जैसा कि हाल के महीनों में केरल में भी स्पष्ट दिखा है। पार्टी ने राज्य और केंद्र सरकार से चंद्रावत के  खिलाफ कानून के मुताबिक फौरन कार्रवाई की मांग की।
 
उज्जैन जिला संघ प्रमुख सुधीर चौधरी ने कहा कि संघ इस तरह की बात और भाषा पर ध्यान नहीं देता। यह पूछे  जाने पर कि क्या संघ चंद्रावत के खिलाफ कार्रवाई करेगा, उन्होंने कहा कि इस विषय पर गौर किया जाएगा। इस बीच  केरल में सत्तारूढ़ माकपा राज्य सचिवालय ने कहा है कि पार्टी समूचे राज्य में कल प्रदर्शन करेगी। बयान से साफ  जाहिर होता है कि आरएसएस आतंक का चेहरा है। इसने गैर कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत चंद्रावत  की गिरफ्तारी की मांग की। केरल की विपक्षी कांग्रेस ने भी चंद्रावत की निंदा की जबकि प्रदेश भाजपा ने उनकी  टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली।
 
भाजपा की प्रदेश इकाई के महासचिव एएन राधाकृष्णन ने कहा, यह भाजपा की शैली नहीं है। भाजपा एक ऐसा संगठन  है जो अत्यधिक लोकतांत्रिक तरीके से काम करता है। गौरतलब है कि केरल में भाजपा-आरएसएस और सत्तारूढ़ माकपा  कार्यकर्ताओं के बीच सिलसिलेवार हिंसक राजनीतिक झड़पें देखी गई हैं। (भाषा) 

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