एकनाथ शिंदे के जीवन की दर्दभरी कहानी, जब राजनीति को कह दिया था अलविदा

Webdunia
गुरुवार, 30 जून 2022 (18:50 IST)
Eknath Shinde News : महाराष्ट्र की सियासत के नए 'बाहुबली' बने एकनाथ शिंदे। कभी ऑटो रिक्शा का गियर बदलने वाले शिंदे अब महाराष्ट्र के 'नाथ' बन गए हैं। शिवसेना से बगावत का बिगुल फूंकने के बाद शिंदे को भाजपा का साथ मिला और मुख्यमंत्री पद पर उनकी ताजपोशी हो गई।
ALSO READ: क्‍या महाराष्‍ट्र को ‘ठाकरे मुक्‍त’ करने की है भाजपा की ‘सियासी चाल’?
शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद दिघे को प्रेरणा मानकर राजनीति में आने वाले एकनाथ शिंदे का जीवन यूं तो काफी संघर्षपूर्ण रहा है, लेकिन एक घटना उनके जीवन में ऐसी घटी जिससे वे इतना आहत हुए कि उन्होंने राजनीति से ही दूरी बना ली। 
 
दरअसल, 22 साल पहले (2 जून 2000) सतारा में हुए नाव हादसे में उनकी आंखों के सामने ही 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा बोटिंग के दौरान हुआ था। उस समय शिंदे सतारा में पार्षद हुआ करते थे। शिंदे के बड़े बेटे श्रीकांत की उम्र तब सिर्फ 13 साल थी, जो कि अब सांसद हैं। इस हादसे शिंदे को इतना आहत किया कि उन्होंने राजनीति से ही किनारा कर लिया।
आनंद दिघे ने अपने शिष्य को ढांढस बंधाया और इस दुख से बाहर निकलने में मदद की। उन्हें शिंदे का एक चमकता राजनीतिक भविष्य दिखाई दे रहा था। दिघे ने शिंदे से कहा कि वे राजनीति में रहकर जनता के दर्द को समझें और दूर करें। अपने दर्द को भुलाकर शिंदे फिर राजनीति में सक्रिय हुए और अपने गुरु दिघे की भविष्यवाणी को सही साबित कर दिखाया।
 
आपको बता दें कि जून माह से शिंदे के दुर्योग और संयोग दोनों ही जुड़े हैं। जून माह में ही उनके बेटे और बेटी की हादसे में जान चली गई थी, वहीं जून माह में ही वे महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री बने हैं।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख