पीओके में पाकिस्तानी सेना की हरकत बढ़ी, जुटे 7 हजार सैनिक

शनिवार, 16 जुलाई 2016 (09:11 IST)
नई दिल्ली। खबरों के अनुसार पाकिस्तान की सेना भारत की सरहद की ओर बढ़ने लगी है। सरहद के करीब 5 हजार से 7 हजार पाकिस्तानी फौजी बढ़ चुके हैं, पिछले 15 जून से ये सिलसिला किसी साजिश के तरह खामोशी से लगातार जारी है। कश्मीर में पाकिस्तान की हरकतों के मद्देनजर फौज की इस तैनाती को भारत बेहद गंभीरता से ले रहा है। 
पाक अधिकृत कश्मीर में अर्थात गुलाम कश्मीर में 15 जून से ही फौजियों की तादाद बढ़नी शुरू हो  गई है। पता चला है कि पाकिस्तानी फौज ने कम से कम 7 बटालियनों को 15 जून से ही POK भेजना शुरू कर दिया है। 7 बटालियन का सीधा मतलब है 5 हजार से 7000 फौजी। सूत्रों का कहना है कि भारतीय फौज ने सैटेलाइट की उतारी गई POK की तस्वीरें भी हासिल कर ली हैं। उन तस्वीरों से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी फौजियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है।
 
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के इस खामोश साजिश की दो वजहें हैं। पहली वजह, POK में 21 जुलाई से चुनाव होने जा रहे हैं। पाकिस्तानी हुकूमत को डर है कि इस पूरे इलाके में चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा उफान पर पहुंच सकती है। दूसरी वजह, पाकिस्तानी को ये डर सता रहा है कि कहीं POK के इलाके में सरकारी बदइंतजामी से खफा लोग पाकिस्तान से आजादी की अपनी पुरानी मांग को नए सिरे से उठाना ना शुरू कर दें। 
 
पाकिस्तान से आजादी मांगने वाले कई गुट वहां सक्रिय हैं और उनके हर आंदोलन को पाकिस्तान पूरी सख्ती और बेरहमी से कुचलता रहा है। कहा ये भी जा रहा है कि POK में और फौजी भेजने का पाकिस्तानी फैसला सिर्फ दिखावा है। असली कारण दरअसल भारत में घुसपैठ के लिए बेचैन आतंकवादियों का हौसला बढ़ाना, मदद करना और कवर देना है।
 
दरअसल, कश्मीर में अशांति का पाकिस्तान हर मुमकिन फायदा उठाने की फिराक में है। पाकिस्तान एक ओर तो कश्मीर के आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को संरक्षण दे रहा है और दूसरी ओर वह  अपने हिस्से के कश्मीर में उठने वाली हर आवाज को दबा रहा है। पाकिस्तान की ओर से खुलकर कश्मीर में आतंकवादियों को समर्थन किया जा रहा हैं वहीं कश्मीर में आग को हवा दी जा रही है। 

पाकिस्तान के न्यूज चैनलों में इस वक्त भारत के अलगाववादियों को हीरो की तरह पेश किया जा रहा है। आतंकवादी बुरहान वानी को शहीद बताने वाले शरीफ अब 19 जुलाई को पाकिस्तान में ब्लैक डे मनाने का ऐलान कर रहे हैं। (एजेंसियां) 

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