जानिए पाकिस्तान में लापता हुए भारतीय मौलवियों की कहानी

सोमवार, 20 मार्च 2017 (17:12 IST)
पाकिस्तान में गायब हुए निजामुद्दीन दरगाह के मुख्य खादिम आसिफ निजामी और नजीम निजामी भारत लौट आए हैं। दोनों मौलवी अपने रिश्तेदारों से मिलने कराची गए थे। नाजिम और आसिफ अपने रिश्तेदारों से मिलने और लाहौर की मशहूर दाता दरबार दरगाह जाने के लिए 8 मार्च को पाकिस्तान पहुंचे थे। दोनों मौलवियों के गायब होने से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी। इसके बाद वे लाहौर में दाता दरबार की दरगाह पर गए थे। लंबे समय से दाता दरबार और निजामुद्दीन दरगाह के खादिम एकदूसरे के यहां आते-जाते रहे हैं। दोनों भारतीय मौलवियों के गायब होने को लेकर तरह-तरह की खबरें आने लगी थीं।  
कैसे हुए गायब : दोनों भारतीय मौलवियों को बुधवार को वहां से लौटने के लिए कराची की फ्लाइट में बैठना था। 
परिवार के मुताबिक आसिफ निजामी को लाहौर एयरपोर्ट पर अधूरे ट्रेवल डॉक्यूमेंट्स होने का कारण बताकर रोका गया था। खबरों के अनुसार खादिम लाहौर एयरपोर्ट से, जबकि दूसरे मौलवी कराची एयरपोर्ट से लापता हो गए थे। 
मौलवी नाजिम के पाकिस्तान स्थित रिश्तेदार वजीर बताया था कि लाहौर एयरपोर्ट से उन्हें एक फोन कॉल आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि उनके कजिन नाजिम के कागजात ठीक नहीं है जिसकी वजह से उन्हें एयरपोर्ट पर ही डिटेन किया जा रहा है। वजीर ने यह भी बताया था कि जब वह अपने चाचा आसिफ को लेने लाहौर एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें पता चला कि कुछ लोग पहले ही आसिफ को अपने साथ लेकर चले गए थे।
 
जिहादियों पर था शक : भारत सरकार ने और इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय राजूदत ने यह मामला पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया था। पाकिस्तान में सूफी संतों को इस्लामी जिहादियों द्वारा निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भारतीय मौलवियों के लापता होने में जिहादियों का हाथ नहीं था। 
 
बेटे ने जताई थी यह आशंका : पाकिस्तान में गायब हुए हज़रत निज़मुद्दीन के पीर ज़ादे आसिफ अली निज़ामी के बेटे साजिद निज़ामी ने आशंका जताई थी कि उनके पिता को किसी ने गायब किया है। जब वे प्लेन में बैठ रहे थे उस समय उनसे बातचीत हुई थी। साजिद निजामी के मुताबिक, जब वह कराची हवाई अड्डे पर उतरे तो उनका फ़ोन स्विच ऑफ हो गया था।  
 
विदेश मंत्री ने उठाया था मामला : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर पाकिस्तान के सामने यह मसला उठाया था। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी। 
 
लौट आने पर मौलवियों ने कही यह बात :  दोनों मौलवियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात भी की। पाकिस्तान से लौटने के बाद दोनों मौलवियों ने बताया कि उन्हें पाकिस्तानी मीडिया ने भारतीय खूफिया एजेंसी रॉ का एजेंट बताया था।  दोनों मौलवियों ने इस बात का खुलासा वापस भारत लौटकर किया था कि एक पाकिस्तानी अखबार 'उम्मत' समेत कई पाकिस्तानी मीडिया घरानों ने उन्हें रॉ का जासूस बताया था जो गलत था। 
 
स्वामी ने कही चौंकाने वाली बात : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले को लेकर चौंकाने वाली बात कही है। उन्होंने दोनों मौलवियों को झूठा बताया है। सिर्फ इतना ही नहीं स्वामी ने कहा कि उनके पास स्वतंत्र जानकारी है कि वे दोनों मौलवी देश के खिलाफ काम कर रहे हैं। 
 
स्वामी ने के मुताबिक दोनों मौलवी झूठ बोल रहे हैं, अपने बचाव के लिए और साहनुबूती पाने के लिए कह रहे हैं कि उन्हें 'रॉ' एजेंट बताया गया। ये तो उनकी बात है जो आतंकवादी-उग्रवादी माने जाते हैं। उनकी बातों पर हम कैसे विशवास कर सकते हैं? स्वामी ने आगे कहा कि हमारे पास स्वतंत्र जानकारी है कि ये लोग हमारे देश के खिलाफ काम कर रहे थे। (एजेंसियां) 

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