रक्षामंत्री मनोहर पर्लिकर ने कहा यह संदिग्ध आतंकवादी कार्रवाई लगती है, क्योंकि कोई तस्कर खुदकुशी क्यों करते। खुदकुशी से आतंकवादी होने का शक होता है। दूसरी बात यह कि इस बोट के सवार पाकिस्तान की एजेंसियों के संपर्क में थे। यदि तस्कर होते तो उनको इसकी जरूरत नहीं होती।
उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास इस पाकिस्तानी बोट के बारे में पूरी पुख्ता जानकारी थी। करीब 12-14 घंटे तक बोट पर निगरानी रखी गई थी। उन्होंने बोट मामले में बेहतर ढंग से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बलों की भूमिका की सराहना की। रक्षा मंत्री पार्रिकर ने भारतीय तटरक्षक के साथ ही इस अभियान में शामिल जवानों की प्रशंसा जो ‘बिना अनुमति वाली नौका’ की समय पर सटीक तरीके से घेराबंदी करने के अभियान में शामिल थे जिससे एक संभावित खतरा टल गया।