पाकिस्तानी सेना आतंकियों के साथ : उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों का साथ देती है। हालांकि हमारी लड़ाई पाकिस्तानी सेना के साथ नहीं है, हमने पाकिस्तान और पीओके में सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशना बनाया। हमने पाकिस्तान की पीएल-15 मिसाइल भी मार गिराई। हमने पाकिस्तान के सभी ड्रोन मार गिराए। हमारे सभी मिलिट्री बेस ऑपरेशनल हैं।
इससे पहले भी भारतीय वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन के ठिकानों पर ‘वांछित प्रभाव’ पड़ा और उनसे ‘आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने’ का उद्देश्य पूरा हुआ। 7 मई को नौ आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों एवं असैन्य क्षेत्रों को निशाना बनाए जाने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘त्वरित और संयमित’ तरीके से जवाब दिया।
भारतीय सेना ने कहां-कहां साधा निशाना : सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मरकज तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मरकज सुभान अल्लाह, सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन की ‘महमूना जोया फैसिलिटी’ और बरनाला में मरकज अहले हदीस में लश्कर के अड्डे और मुजफ्फराबाद के शावई नाला में उसके शिविर को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि हमने सावधानीपूर्वक लक्ष्य चुने। पाकिस्तान द्वारा भेजे गए ड्रोन और अन्य हवाई साधनों द्वारा हवाई घुसपैठ की गई लेकिन हमारे मजबूत एडी (वायु रक्षा) रुख ने उन्हें बड़े पैमाने पर बीच में ही रोक दिया। चूंकि पाकिस्तान ने सैन्य प्रतिष्ठानों और असैन्य क्षेत्रों को निशाना बनाया था, ‘हमें जवाब देना पड़ा।’