नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को, संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भारी हंगामा किया। इस कारण कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाई अपराह्न 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिए।
इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने, बेरोजगारी जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि आप (विपक्षी सदस्य) सदन के भीतर चर्चा नहीं करते और बाहर इन मुद्दों को उठाते रहते हैं, ऐसा दौहरा रवैया नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आप सदन के बाहर किसानों-महंगाई की बात करते हैं लेकिन सदन में किसानों-महंगाई के मुद्दे पर चर्चा नहीं करते।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज भी विपक्षी सदस्यों के किसानों के मुद्दों पर प्रश्न सूचीबद्ध हैं लेकिन वे (विपक्षी सदस्य) सवाल करने की बजाए हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आना नियमानुसार उचित नहीं है । उन्होंने कहा कि सदस्य अपने हाथ में नियम की किताब को सिर्फ रखें ही नहीं बल्कि उस किताब को पढ़ें भी।
शोर शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद बैठक अपराह्न 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। ऐसा ही नजारा राज्यसभा में भी दिखाई दिया।