सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 7 से 29 दिसंबर के बीच सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव है और तारीखों के संबंध में अंतिम फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति करेगी। सत्र के पुराने भवन में आयोजित किए जाने की संभावना है, वहीं सरकार करीब 1200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से तैयार हो रहे नए भवन के इस महीने के अंत या दिसंबर की शुरुआत में प्रतीकात्मक उद्घाटन पर भी विचार कर रही है।
शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरु होता है और सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं, लेकिन ऐसे उदाहरण भी हैं जब 2017 और 2018 में सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था। सूत्रों ने कहा कि इस बार सत्र के दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरु होने की संभावना है।
गुजरात विधानसभा के चुनाव एक और पांच दिसंबर को होंगे, वहीं गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों में मतगणना आठ दिसंबर को होगी। सरकार का लक्ष्य शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले नए भवन का निर्माण पूरा करने का था, लेकिन कुछ निर्माण कार्य निर्धारित समय से आगे बढ़ सकते हैं। इमारत के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद भी, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए करीब 15-20 दिनों की आवश्यकता होगी।
उन्होंने बताया कि अब ऐसा लग रहा था कि अगले साल का बजट सत्र नए भवन में हो सकता है और शीतकालीन सत्र के पुराने भवन में ही आयोजित करने की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री कीरेन रीजीजू ने पहले कहा था कि केंद्र पुराने पड़ गए 1500 से अधिक कानूनों को शीतकालीन सत्र के दौरान निरस्त करेगा।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour