नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि आज से आरंभ हो रहा संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा, मूल्यवान और ऐतिहासिक निर्णयों का है। सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नये मुकाम से शुरू हो रही है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता और जी 20 के सफल आयोजन के बायद यह सत्र आरंभ हो रहा है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा, जी20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी20 का घोषणापत्र, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन मंगलवार को नए संसद में कामकाज होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए स्थान पर यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है।
उन्होंने कहा, 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो सभी इस नए संसद भवन में होंगे। उन्होंने कहा कि उमंग और विश्वास के साथ हम नये सदन में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सत्र बहुत मूल्यवान है।
संसद में विभिन्न दलों की ओर से हंगामा किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, रोने धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए लेकिन जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जो उमंग से भर देते हैं... विश्वास से भर देते हैं। मैं छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।
उन्होंने कहा, मैं आशा करता हूं पुरानी बुराइयों को छोड़कर उत्तम से उत्तम अच्छाइयों को साथ लेकर हम नए सदन में प्रवेश करेंगे और नए सदन में अच्छाइयों की मूल्य वृद्धि करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। यह प्रण हम सभी सांसद लेकर चले।
भगवान गणेश के विघ्नहर्ता देवता होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा और निर्विघ्न रूप से सारे सपने व सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा।
उन्होंने कहा, इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन यह नव प्रस्थान नए भारत के सारे सपनों को चरितार्थ करने वाला बनेगा। इसलिए भी यह सत्र छोटा है लेकिन बहुत मूल्यवान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास सभी महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों के ये सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है। संसद का सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा।