टाइम्स ऑफ इंडिया ने छपी खबर के अनुसार ये दोनों नंबर वही हैं जिसमें आतंकियों ने हमले के पहले और हमले के दौरान बात की है। खबर में लिखा गया है कि यदि पाकिस्तानी पीएम को कोई शक है तो वे इन नंबरों की जांच करा लें। एक नंबर आतंकी की मां का है जबकि दूसरा नंबर उसके उस्ताद का है। तय समय पर निधार्रित स्थान पर नहीं पहुंचने पर एक बार उस्ताद ने आतंकियों को फटकार भी लगाई थी।
खबर में लिखा गया है कि खुफिया विभाग ने कहा है कि आतंकी हैंडलर को उस्ताद के नाम से बुला रहे थे और अपनी पोजिशन की जानकारी दे रहे थे। पहला कॉल आतंकियों ने +92 300097212 पर करीब 9.12 बजे रात को 31 दिसंबर को किया। यह कॉल आतंकियों ने टैक्सी ड्राइवर इकरार सिंह के फोन से किया जिसे उन्होंने बाद में मार दिया।
टैक्सी ड्राइवर के मोबाइल का उपयोग मात्र एक कॉल करने के लिए किया गया था जबकि उसी नंबर पर चार बार कॉल पाकिस्तानी नंबर से आया। कॉल का विश्लेषण कर रहे एक वरिष्ठ केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि मारे गए ड्राइवर ने कभी किसी पाकिस्तानी मोबाइल नंबर पर कॉल नहीं किया। इस नंबर पर जो कॉल रिसीव किया गया उसमें आतंकियों को ड्राइवर को मारे देने के निर्देश दिए गए।