देश की 8 कोर इंडस्ट्रीज की वृद्धि दर में भी भारी गिरावट

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नई दिल्ली। 8 बुनियादी उद्योगों (Core Industries) की वृद्धि दर जुलाई में घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हिचकोले खा रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। 
 
जुलाई, 2018 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही थी। मुख्य रूप से कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन घटने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी है। 8 बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली आते हैं। 
 
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आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में इससे पिछले साल के समान महीने की तुलना में गिरावट आई। 
 
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई की चार माह की अवधि के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर तीन प्रतिशत रह गई है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5.9 प्रतिशत रही थी।
 
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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जीडीपी के आंकड़े भी आए थे। इन आंकड़ों के अनुसार इस साल 2019-20 की पहली तिमाही में विकास दर (जीडीपी) 5.8 से घटकर 5 पर आ गई है। सात साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले साल इसी अवधि में जीडीपी 8.2 फीसदी थी। 
 
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इतना ही नहीं ताजे आंकड़ों के मुताबिक कृषि विकास दर 5.8 से घटकर 2 प्रतिशत पर आ गई है। ऐसे में मोदी सरकार के उन दावों की भी हवा निकलती दिख रही है, जिसमें कहा जा रहा था कि किसानों की आय 2021-22 तक दोगुना करने का काम किया जाएगा। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तो हालात और भी बुरे हैं। इस क्षेत्र की विकास दर 12.1 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.6 फीसदी पर आ गई है।
 

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