नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुल्क में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती के बाद अब केंद्र चाहता है कि राज्य सरकारें भी इन ईंधनों पर लगने वाले वैट में पांच प्रतिशत की कटौती करे ताकि ग्राहकों को आगे और राहत मिले।
उन्होंने कहा, ‘हमने सक्रियता के साथ उत्पाद शुल्क में कटौती की है। अब वैट घटाने की बारी राज्यों की है।’ राज्य मूल्य वर्द्धन शुल्क के रूप में वैट लगाते हैं। इससे जब भी कीमतें बढ़ती हैं, वैट भी बढ़ जाता है। प्रधान ने कहा कि केंद्र के उत्पाद शुल्क में कटौती से 26,000 करोड़ रुपए के राजस्व पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘राज्य सर्वाधिक लाभ में हैं। वे वैट तो लेते ही हैं, साथ ही केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में 42 प्रतिशत लेते हैं। केंद्र के बाद जो राशि बचती है, उसका उपयोग राज्यों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के वित्त पोषण के लिए किया जाता है।’