जम्मू। भोपाल से एमए, राजस्थान से एफफिल और देहरादून से पीएचडी करने वाले जुबैर अहमद वानी उर्फ अबु उबैदा को हिज्बुल मुजाहिदीन ने कश्मीर की कमान सौंप दी है। ऐसा करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने टॉप 7 की एक लिस्ट तैयार की और उसके नाम को भी अब उसमें शामिल कर लिया है।
आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के मिशन के तहत सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष 7 कमांडरों की सूची तैयार की है। इनके बारे में सभी जानकारी जुटा ली गई है। इनके खिलाफ अभियान शुरू किया जा चुका है। यह भी कहा जा रहा है कि सूची में शामिल ये 7 आतंकी घाटी में कई आतंकवादी हमलों में शामिल हैं।
इस वर्ष अब तक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने 200 से ज्यादा आतंकी मार गिराए हैं। शीर्ष हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू और डॉ. सैफुल्ला के मारे जाने के बाद सुरक्षाबल अब कश्मीर घाटी में मौजूद अन्य शीर्ष आतंकी कमांडरों के खिलाफ स्पेशल आप्रेशन छेड़ चुके हैं।
यह भी सूचना मिली है कि हिज्ब ने सैफुल्ला मीर के जाने के बाद अबु उबैदा नामक आतंकी को कश्मीर घाटी में ऑपरेशन चीफ कमांडर बनाया है। मुसैब उल इस्लाम को उसका डिप्टी बनाया गया है।
यह दोनों के कोड नाम हैं और आतंकी संगठन अपने कमांडरों को बचाने के लिए असली नाम बताने से हिचक रहा है। माना जा रहा है कि कुख्यात जुबैर अहमद वानी ही अबु उबैदा है और फारूक अहमद उसका डिप्टी है।
दरअसल रविवार को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के रंगरेथ में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर सैफुल्ला मीर उर्फ गाजी हैदर को मुठभेड़ में मार गिराया था। हिज्बुल के एक के बाद एक कमांडर मारे जा रहे हैं और दक्षिण कश्मीर में लगभग हिज्बुल का सफाया होता जा रहा है। इससे पूर्व मई माह में उसके शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। नाइकू के बाद सैफुल्लाह छह माह भी नहीं निकाल पाया।
लगातार अपने कमांडरों के मारे जाने से हिज्बुल का कैडर निराश हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि इस वजह से हिजबुल ऐसे चेहरे की तलाश में है जो संगठन को फिर से खड़ा कर सके। सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण आतंकी संगठन की राह मुश्किल होती जा रही है।
हिजबुल मुजाहिदीन अकसर अपने कमांडरों को बचाने के लिए उन्हें कोड नाम से संबोधित करता है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है। और अब अबु उबैदा का नाम भी टॉप 7 की लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया है।