भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर प्रतिक्रिया में यह बात कही गई है। याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें अदालत ने देश की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए 2 बच्चों के नियम समेत कुछ कदमों को उठाने की मांग करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
मंत्रालय ने कहा कि 'लोक स्वास्थ्य' राज्य के अधिकार का विषय है और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाने के लिए राज्य सरकारों को स्वास्थ्य क्षेत्र में उचित एवं टिकाऊ तरीके से सुधार करने चाहिए। इसमें कहा गया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का काम राज्य सरकारें प्रभावी निगरानी तथा योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के नियमन एवं नियंत्रण की खातिर विशेष हस्तक्षेप के साथ प्रभावी ढंग से कर सकती हैं।
उच्च न्यायालय ने 3 सितंबर को याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि कानून बनाना संसद और राज्य विधायिकाओं का काम है, अदालत का नहीं। उक्त याचिका में कहा गया था कि भारत की आबादी चीन से भी अधिक हो गई है तथा 20 प्रतिशत भारतीयों के पास आधार नहीं है। (भाषा)