एक तरफ जहां राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस टूटती हुई नजर आ रही है। दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी से लिए जंग छिड़ी हुई है। अब ये लड़ाई साफतौर से राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच नजर आ रही है। सीएम पद के लिए पायलट के नाम पर गहलोत खेमा बिफर गया है और बगावत पर आ गया है। इस विवाद को सुलझाने के लिए अब कांग्रेस सारे प्रयास कर रही है। विधायकों को मनाने की कोशिश की जा रही है।
राजस्थान में पैदा हुए इस राजनीतिक संकट को शांत करने के लिए अब आगामी 19 अक्टूबर तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होगी। रविवार रात देर रात चले सियासी ड्रामे के बाद यह फैसला लिया गया है। अब राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के परिणाम के बाद होगी। बता दें कि 19 अक्टूबर के बाद विधायक दिल्ली जाएंगे। वहां वे सभी सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उसके बाद नए सीएम का फैसला होगा।
राजस्थान कांग्रेस की आपसी फूट की वजह से कांग्रेस एक बार फिर से धर्म संकट में फंस गई है। ऐसे में कैसे राजस्थान का सीएम तय होगा और कैसे कांग्रेस अध्यक्ष के पद को लेकर चुनाव होंगे यह सवाल उठ गया है। बता दें कि सचिन लगातार राजस्थान का सीएम बनने के प्रयास में हैं, ऐसे में गहलोत गुट की बगावत के कारण एक बार फिर से सीएम की कुर्सी सचिन पायलट के पास आते-आते रह गई है।
गहलोत ने अपने विधायकों की बगावत के जरिए कांग्रेस हाईकमान को यह मैसेज दे दिया है कि राजनीति में बहुमत को नजरंदाज न किया जाए। कुल मिलाकर फिलहाल गहलोत के जादू से पायलट का प्रोजेक्ट पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।