राजस्‍थान का नया 'पायलट' कौन? नए CM के ऐलान से पहले गुटबाजी तेज, गहलोत खेमे के 82 विधायकों ने दिए इस्तीफे

रविवार, 25 सितम्बर 2022 (22:27 IST)
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का नामांकन करने से पहले आज होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे गहलोत खेमे के विधायकों के नहीं आने एवं उनके इस्तीफे देने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के घर जाने के बाद नहीं हो पाई।
 
गहलोत खेमे के विधायकों को कहना है कि वे चाहते हैं कि सियासी संकट के समय गहलोत का जिन 102 विधायकों ने साथ दिया उनमें से किसी को भी नया मुख्यमंत्री बना दो और इसके बाद गहलोत को मुख्यमंत्री से हटा दो। खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि विधायकों की यही भावना है कि इन 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है उन्हें मंजूर है लेकिन भाजपा के षड्‍यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई नाराजगी है तो पार्टी के मुखिया सुनेंगे तो दूर भी हो जाएगी।

 
मुख्यमंत्री निवास पर शाम 7  बजे आयोजित इस बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर पहुंचे लेकिन बैठक शुरू होने से पहले गहलोत खेमे के विधायकों के धारीवाल के घर पहुंचने से यह बैठक शुरू होने में देरी होने लगी और बताया गया कि अब यह बैठक 8 बजे शुरू होगी लेकिन 8 बजे भी बैठक शुरू नहीं हो पाई और इसके बाद रात 9  बजे तक यह बैठक नहीं शुरू हुई और इसके बाद धारीवाल के घर जुटे मंत्री एवं विधायक अपना इस्तीफा लेकर डॉ. जोशी के घर पहुंच गये। बताया गया है कि गहलोत खेमे के 82 विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे हैं। विधायकों ने डॉ. जोशी से मुख्यमंत्री बनने का आग्रह किया है।

 
इससे पहले खाचरियावास ने कहा कि धारीवाल के घर 92 विधायक मौजूद है और सभी विधायक डॉ. जोशी के घर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों की भावना समझनी चाहिए। सियासी संकट के समय जब ये विधायक होटलों में बंद थे और संघर्ष किया उनकी भावना समझनी चाहिए।

उनसे पूछा गया कि क्या सचिन पायलट के प्रति इतनी नफरत क्यों है, इस पर उन्होंने कहा कि नफरत नहीं हैं और यहां बैठक में किसी का नाम नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि ये सभी विधायक अपने इस्तीफे देने उनके घर जा रहे हैं। उधर विधायक एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा का कहना है कि यहां 82 विधायक हैं।
जादूगर कहे जाने वाले गहलोत का यह शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है और गहलोत ने ताकत दिखाई और फिर साबित कर दिया है कि विधायक उनके पक्ष में हैं।

डॉ. सीपी जोशी के घर पहुंचे कुछ विधायकों का यह भी कहना है कि अशोक गहलोत को हटाना है तो डॉ. सीपी जोशी को मुख्यमंत्री बना दो।
 
बैठक के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कई विधायक मुख्यमंत्री निवास पहुंच चुके थे लेकिन धारीवाल के घर जुटे विधायकों के नहीं आने से बैठक खटाई में पड़ गई। अब सभी की नजरे कांग्रेस आलाकमान पर टिकी है कि वह क्या फैसला लेगा।

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