मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के करीब तीन सप्ताह के बाद यह फैसला आया। इसमें ज्यादातर लोग समाजवादी दौर की इस संस्था के पुनर्गठन के पक्ष में थे, लेकिन कुछ कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने मौजूदा ढांचे को खत्म करने का विरोध किया था।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि योजना आयोग की जगह पर एक नई संस्था बनाई जाएगी जो समकालीन आर्थिक दुनिया के मुताबिक हो। मुख्मंत्रियों को 7 दिसंबर को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह का हवाला दिया था, जिन्होंने पिछले साल 30 अप्रैल को कहा था कि सुधार प्रक्रिया शुरू होने के बाद के दौर में मौजूदा ढांचे का कोई अत्याधुनिक नजरिया नहीं है।