प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस पर सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ गहरे भूरे रंग का बंद गले का कोट और लाल-पीले रंग का साफा पहना तथा विशिष्ट अवसरों पर चमकीला व रंग-बिरंगा साफा पहनने की अपनी परंपरा को जारी रखा। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बहुरंगी बांधनी प्रिंट का साफा पहना था।
बांधनी एक प्रकार का टाई-डाई कपड़ा होता है जो गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय है। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें कपड़े को बांधकर व गांठ लगाकर रंगाई की जाती है। जार्जेट, शिफान, रेशमी व सूती कपड़े को रंग के कुंड में डालने से पहले धागे से कसकर बांधा जाता है और जब इस धागे को खोला जाता है तो बंधा हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है। फिर हाथ से कपड़े पर धागे के प्रयोग से डिजाइन तैयार किया जाता है।
वर्ष 2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण के अवसर पर उन्होंने चमकीले लाल रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना। साल 2015 में, प्रधानमंत्री मोदी ने बहुरंगी लहरिया पीला साफा और 2016 में गुलाबी और पीले रंग का टाई-एंड-डाई साफा पहना था।
कच्छ के चमकीले लाल रंग के बांधनी साफे से लेकर पीले रंग का राजस्थानी साफा, गणतंत्र दिवस पर मोदी के पहनावे के प्रमुख आकर्षण रहे हैं। वर्ष 2022 में मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उत्तराखंड की एक अद्वितीय पारंपरिक टोपी चुनी थी। इस टोपी में ब्रह्मकमल बना हुआ था। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है, जिसे प्रधानमंत्री केदारनाथ की हर यात्रा पर इस्तेमाल करते रहे हैं।