मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के तेवर पड़े ढीले, भारत ने सहयोग के लिए खोले हाथ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (21:25 IST)
PM Modi meets Maldives President Mohamed Muizzu in New Delhi : भारत और मालदीव ने रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से सोमवार को 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली को लेकर समझौता किया। पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई थी। साथ ही बंदरगाह, सड़क नेटवर्क, स्कूल और आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में रूपे कार्ड भी जारी किया। इसके अलावा हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नये रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जतायी।
 
 
पांच दिन के राजकीय दौरे पर आए मुइज्जू ने यहां हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। मालदीव के राष्ट्रपति को चीन के प्रति नरम रुख रखने के लिए जाना जाता है और पिछले साल नवंबर में शीर्ष पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए तुर्किये को चुना था।
 
दोनों पक्ष ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण’ पर भी सहमत हुए। यह एक दस्तावेज है जो सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है।
 
बातचीत के बाद, भारत ने मालदीव को 70 सामाजिक आवास भी सौंपे। इसका निर्माण एक्जिम बैंक (भारतीय निर्यात-आयात बैक) की खरीदार कर्ज सुविधा के तहत किया गया है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले हमने मालदीव में रूपे कार्ड पेश किया। आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता की भी घोषणा की। दोनों पक्षों ने 3,000 करोड़ रुपए से अधिक की मुद्रा अदली-बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस कदम से मालदीव को वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
 
दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि यह द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा भागीदारी में बदलने को लेकर सहयोग की एक नई रूपरेखा तैयार करने का उपयुक्त समय है। यह जन-केंद्रित, भविष्य-उन्मुख है और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाये रखने में एक आधार के रूप में काम करेगा।
 
मोदी ने यहां मुइज्जू के साथ संवाददाताओं से कहा कि आज, हमने पुनर्विकसित हनीमाधू हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। अब ग्रेटर माले संपर्क परियोजना में भी तेजी लाई जाएगी। हम थिलाफुशी में एक नए वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में सहायता करेंगे।’’
 
दोनों नेता मालदीव के इहावंधिपपोलु और गाधू द्वीपों पर मालदीव आर्थिक गेटवे परियोजना में योगदान देने वाली ‘ट्रांसशिपमेंट’ सुविधाओं और बंकरिंग सेवाओं के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाशने को लेकर भी सहमत हुए। दोनों पक्ष हनीमाधू और गान हवाई अड्डों की पूरी क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर भी सहमत हुए। इनका विकास भारत की सहायता से किया जा रहा है।
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इसके अलावा, दोनों देश ‘कृषि आर्थिक क्षेत्र' की स्थापना, हा धालू एटोल और मछली प्रसंस्करण में पर्यटन निवेश को लेकर भी सहमत हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।
 
उन्होंने मालदीव को एक ‘घनिष्ठ मित्र’ बताया जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और वृद्धि) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान है। मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी देश की जिम्मेदारियों को निभाया है। आज, हमने अपने आपसी सहयोग को रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी का दृष्टिकोण अपनाया है। इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुइज्जू का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति ने अलापा पुराने संबंधों का राग : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को कहा कि भारत मालदीव के लिए सबसे बड़े पर्यटन स्रोत बाजारों में से एक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिक भारतीय पर्यटक इस द्वीपसमूह राष्ट्र का दौरा करेंगे। यहां हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद एक प्रेस वार्ता में, मुइज्जू ने यह भी कहा कि मालदीव और भारत के बीच संबंध ‘सदियों पुराने हैं, जैसा कि हमारे पूरे इतिहास में स्पष्ट रहा है’।
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों के बीच संबंध लंबे समय से भारत और मालदीव के बीच संबंधों की नींव रहे हैं। कई मालदीववासी पर्यटन, चिकित्सा उद्देश्यों, शिक्षा और कई अन्य कारणों से भारत आते हैं। साथ ही, मालदीव में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जो मालदीव के विकास में योगदान देते हैं।’’
 
मुइज्जू ने कहा, ‘‘भारत हमारे सबसे बड़े पर्यटन स्रोत बाजारों में से एक है, और हम मालदीव में अधिक भारतीय पर्यटकों का स्वागत करने की उम्मीद करते हैं, जिससे हमारे लोगों के बीच साझा विकास और समझ को बढ़ावा मिलेगा।’’
 
भारत यात्रा के दौरान उनकी यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस साल जनवरी में मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद ‘मालदीव के बहिष्कार’ का ऑनलाइन अभियान जोर पकड़ रहा था।
 
कई भारतीयों, जिनमें मशहूर हस्तियां भी शामिल थीं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पर्यटकों से मालदीव के बजाय भारत के लक्षद्वीप जैसे दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने का आग्रह किया था।
 
हालांकि, पिछले साल ‘इंडिया आउट’ अभियान के तहत राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद मुइज्जू की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा उन संबंधों को फिर से स्थापित करने का प्रयास है, जो पहले खराब दौर से गुजर रहे थे।
 
मुइज्जू ने पिछले साल नई दिल्ली से इस द्वीपसमूह देश में तैनात उसके सैन्यकर्मियों को इस साल मई तक वापस बुलाने को कहा था। चीन समर्थक अपने विचारों के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के नवंबर में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में काफी तनाव आ गया था। इनपुट भाषा

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